नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसे देखकर कर कोई हैरान है। दरअसल, संगम के बाद भागीरथी और अलकनंदा गंगा का रूप लेकर हरिद्वार तक पहुंचती हैं और एक जैसी दिखाई देती हैं।
वीडियो में सालों से संगम के बाद एक होने वाली अलकनंदा और भागीरथी अलग-अलग क्यों बहती दिख रही है। सोचने की बात ये है कि पौराणिक काल से कलयुग काल तक संगम होने के बाद एक साथ बहने वालीं ये दो नदियां अब अलग-अलग बहती हुईं क्यों दिख रही हैं। आज तक ऐसा कभी नहीं देखा गया जब अलकनंदा और भागीरथी नदी हरिद्वार आकर अलग-अलग दिखने लगी।
#Haridwar अभी अभी एक बड़ा चौका देने वाला वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं। जहाँ अलकनंदा व भागीरथी हरिद्वार में अलग अलग बहती नजर आरही हैं। देवप्रयाग में संगम के बाद आप देखेंगे एक तरफ हल्के हरे रंग की भागरीथी जो गंगोत्री से आती है तो दूसरी ओर अलकनंदा हल्का श्याम रूप लिए होती है जो बद्रीनाथ से आती है। दोनों नदियां देवप्रयाग पर मिल जाती है और आगे चलकर गंगा कहलाती है।
गढ़वाल क्षेत्र में भागीरथी नदी को सास और अलकनंदा नदी को बहू कहा जाता है। भागीरथी के कोलाहल भरे आगमन और अलकनंदा के शांत रूप को देखकर ही इन्हें सास-बहू की संज्ञा प्राप्त है। दरअसल, अलकनंदा बहुत कम आवाज करती है। वहीं भागीरथी बहुत ज्यादा शोर करते हुए बहती है इसलिए अलकनंदा को बहू और भागीरथी नदी को सास कहा जाता है।
इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना नाम की महामारी से गुजर रही है। ऐसे में इस वीडियो को देखकर हर किसी के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड सदियों से भगवान के जीवन से जुड़े रहस्यों से भरी हुई है। ऐसे में अचानक से इन दो नदियों का अलग-अलग रूप अनहोनी का इशारा तो नहीं।