लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट के दौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) स्थापना दिवस की आड़ में राजनीति कर रही है। यादव ने सोमवार को कहा कि जनता जब कोरोना संकट के समय अपनी दिक्कतों को भुलाकर एकजुट होकर सरकारी निर्देशों का पालन कर रही है, भाजपा अपनी राजनीति साधने में सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं को तिलांजलि देने पर तुल गई है। देश के सामने समस्याओं का पहाड़ है लेकिन भाजपा नेतृत्व को इस वक्त भी अगला चुनाव नज़र आ रहा है और भाजपा धन्यवाद पत्र के माध्यम से वोट के लिए केन्द्रित करने में लगी है।
उन्होने कहा कि धन्यवाद पत्र सरकार को देना चाहिए। आरएसएस और भाजपा किस अधिकार से धन्यवाद पत्र जारी कर सकती है। भाजपा द्वारा स्थापना दिवस की आड़ में राजनीति करना किसी भी तरह नैतिक नहीं है। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा राहत पहुंचाने के नाम पर भी धोखा दे रही है। तमाम संगठन और नागरिक स्वेच्छा से जो भोजन या खाद्य सामग्री दे रहे है, आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ता उसे अपनी ओर से राहत बता रहे हैं। ग्रामीण जनता तथा सड़कों से दूर रहने वाले गरीबों को फांकाकशी ही करनी पड़ रही है।
राहत सामग्री के वितरण में भी भेदभाव और पक्षपात हो रहा है। गरीबों और भूखे लोगों के लिए भोजन सामग्री लेकर जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है। यह लोकतंत्र में स्वस्थ परम्परा नहीं है। उन्होने कहा कि लॉकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में कामगार अपने गांवों में आ गए हैं।
इन श्रमिकों के पास न तो कामधंधा है और नहीं खाने के लिए पैसे बचे हैं। तमाम परिवार एक जून की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं। तमाम नौजवानों की नौकरियां छूट गई हैं। उनके समाने अंधेरा भविष्य है। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के समय ही बेरोजगारी का रिकार्ड बना है और नोटबंदी-जीएसटी के बाद लॉकडाउन ने तो उद्योगधंधो का भट्ठा ही बिठा दिया हैं। किसानों, कामगारों, गरीबों और नौजवानों के लिए सरकार राहत या मदद तत्काल पहुंचाने की व्यवस्था करे।