नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के तहत आने वाले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समेत 28 संस्थानों ने मिलकर देश में फैले कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 38 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को कहा कि सभी 28 संस्थाओं द्वारा दिया गया योगदान प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया जायेगा और मंत्रालय इस महामारी के खिलाफ जंग में अपना सहयोग आगे भी जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस मंत्रालय की पहल पर इन संस्थाओं ने अपना योगदान दिया है। उन्होंने ने कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग में इन संस्थाओं में काम करने वाले सभी लोगों ने अपने अपने वेतन से यह योगदान दिया है। मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक 28 संस्थानों ने मिलकर योगदान दिया है।
इनमें फाउंड्री और फोर्ज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफएफटी) ने 2,25,000, केन्द्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईटी), कोकराझार ने 4,34,285, नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ.साइंस और टेक्नोलॉजी ने 1,296,547, घानी खान चौधुरी इंस्टिट्यूट ऑफ.इंजीनियंिरग और टेक्नोलॉजी ने र 3,49,082, राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान ने 1,000,000, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 7,41,000 , अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने 1,069,890, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने 47,278,000, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) ने 2666833, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने 4,444,000, नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने 3,41,114, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) ने 5,424,496, भाषा संस्थानों ने रु 6,009,378, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च ने 3,735,539, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने 8,55,000, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने 30,405,731, केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 93,479,303, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 1,158,987, माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने रु 4,07,293, नवोदय विद्यालय समिति ने 74,829,519, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2,100,000, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने 5,14,976, राष्ट्रीय बाल भवन ने 1,42,939, प्रौढ़ शिक्षा विभाग ने 44,327, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने 2,35,724, केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 1,04,060,536 एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने 32,47,017 रुपये का योगदान दिया है।