नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने यूरोपीय देशों को अपना केंद्र बनाया है। यहां पर हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले हफ्ते में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में जर्मनी चौथे स्थान पर था। आपको बता दें कि जर्मनी में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज थे। चीन, इटली और ईरान के बाद चौथे स्थान पर जर्मनी था, लेकिन कोरोना वायरस से बचने का एक अनोखा तरीका अपनाकर जर्मनी मृत्यु दर कम करने में कामयाब रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक कोरोना वायरस से बचने की एक ही नीति है 'टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट'। इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए यह नीति अपनानी चाहिए। जर्मनी ने इस नीति को अपनाकर दुनिया को दिखा दिया है कि, कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से कैसे बच सकते हैं।
जर्मनी की रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी, रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष लोथर विलेर के मुताबिक, जर्मन लैब हर हफ्ते में 1,60,000 परीक्षण कर रही थी। जर्मनी ने 20 मार्च तक तकरीबन 2,80,000 परीक्षण किए हैं, जो अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में कई गुना अधिक हैं। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि, "बडी संख्या में की गई जांच के चलते जर्मनी को मृत्यु दर पर नजर रखने में मदद मिली।
लगातार किए गए परीक्षणों से अधिकारियों को ऐसे मामलों का पता लगाने में आसानी हुई जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं थे। लगातार परीक्षण की नीति से जर्मनी ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का तुरंत पता लगाया और पीड़ित लोगों पर इलाज किया जिसके चलते मृत्यु दर कम हुआ। जानलेवा बीमारी कोरोना वायरस के संकट से दुनिया को बचाना है तो जर्मनी का यह तरीका अपनाना चाहिए।