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कोरोना वायरस को लेकर हुआ चौकाने वाला खुलासा- जिंदा नहीं...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 4 2020 12:04AM | Updated Date: Apr 4 2020 12:04AM
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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस का संक्रमण भारत के साथ साथ मध्य प्रदेश में भी काफी तेजी से बढ़ने लगा है। जहां एक तरफ देश में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 1965 हो चुकी है। वहीं, मध्य प्रदेश में अब तक इस संक्रमण ने 98 लोगों को अपना शिकार बना लिया है। चीन के वुहान से शुरु होकर लगभग पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस से बचाव। साथ ही, इसकी दवा और टीका बनाने के लिए कई देश जी-जान से जुटे हुए है। 
 
हालांकि, अब तक इस संक्रमण की कोई पर्याप्त दवा नहीं बनाई जा सकी है, लेकिन कई शोधों में ये सिद्ध हो चुका है, किन सावधानियों को बरतकर हम इस संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते हैं। हालही में हुए एक शौध में कोरोना संक्रमण को लेकर कई चौकाने वाली चीजे सामने आई है, जिनके बारे में आपका जानना बेहद जरूरी है।
 
कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उसके बचाव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाने में भारत समेत खई विकासशील और विकसित देशों के वैज्ञानिक मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। हालही में जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी ने भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कुछ जरूरी तथ्य साझा किए हैं, जो सभी के लिए जानना बेहद जरूरी है। शोध में सामने आए नतीजों के आधार पर कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी साझा किये गए हैं। 
 
शोध में सामने आया कि, पूरी दुनिया के लिए महामारी बन चुका ये वायरस कोई जिंदा जीव नहीं है, बल्कि एक तरह का प्रोटीन मॉलीक्यूल यानी डीएनए है। ये लिपिड (फैट या वसा) की परत से घिरा हुआ है। यह जब आंख या नाक या बुक्कल म्यूकोसा (एक तरह का मुख कैंसर) की सेल्स द्वारा सोखा जाता है तो अपने जेनेटिक कोड को बदलकर आक्रामक और मल्टीप्लायर सेल्स में बदल जाता है। इंसानी शरीर में पहुंचते ही ये संक्रमण खुद को तेजी से जनरेट करने लगता है। चूंकि ये वायरस कोई जीव नहीं बल्कि एक प्रोटीन मॉलीक्यूल है, इसलिए ये मरता भी नहीं है। बल्कि जहां इसके बढ़ने की संभावना नहीं होती वहां ये खुद ही नष्ट हो जाता है। इसके नष्ट होने का कारण समय, तापमान, ह्यूमिडिटी (नमी) से होता है। साथ ही, इसपर भी निर्भर करता है कि, ये है किस चीज पर।
 
सिर्फ एक चीज है, जिससे ये वायरस बचा रहता है और वो है इस वायरस की पतली बाहरी परत, इसे फैट भी कहते हैं। हालांकि, इस परत को सबसे कारगर तरीके से साबुन या डिटर्जेंट से काटा जा सकता है। क्योंकि फोम किसी भी लेयर या फैट को काटने में सबसे कारगर चीज होता है। इसी लिए बारा बार कहा जा रहा है कि, अपने हाथों को साबुन या डिटर्जेंट लगाकर कम से कम 20 सेकंड रगड़ना चाहिए, क्योंकि जितना ज्यादा झाग बनेगा, ये कोरोना संक्रमण को उतने ही कारगर तरीके से नष्ट करेगा।
 
फैट की लेयर घुलने से प्रोटीन मॉलीक्यूल बिखरकर टूट जाते हैं। वायरस पर हीट पड़ने से भी ये पिघलते हैं। ऐसे में गरम पानी से नहाना, हाथ-पैर या कपड़े धोना ज्यादा फायदेमंद होता है। शोध के मुताबिक, 25 डिग्री सेल्सियस ये अधिक गर्म पानी कोरोना संक्रमण के कवर कवच को नष्ट करने में कारगर है। इसके अलावा, गर्म पानी में झाग भी ज्यादा बनता है। ऐसे में सादे पानी के मुकाबले इसका इस्तेमाल ज्यादा कारगर है।
 
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