नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के फैलाव को रोकने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन को मोदी सरकार का जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम करार दिया और कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए उसे सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्षी दलों की राय लेनी चाहिए थी लेकिन दुर्भाग्य से उसने इस सम्बन्ध में किसी से बात करना उचित नहीं समझा।
पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति ने सरकार से कोरोना से निपटने के लिए सभी दलों के नेताओं की सलाह लेने तथा इस महामारी के कारण निरंतर खराब हो रही देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों के साथ विचार-विमर्श कर ज़रूरी कदम उठाने की मांग की है।
कार्य समिति की बैठक के बाद पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी है और पूरे देश को इससे मिलकर निपटना है लेकिन दुर्भाग्य से सरकार विपक्षी दलों के नेताओं को तरजीह नहीं दे रही है।
वेणुगोपाल ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया और कहा कि वह कोरोना वायरस की समस्या को लेकर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम बात कर सकते हैं लेकिन आश्चर्य है कि वह विपक्ष के नेताओं के साथ इससे लड़ने की रणनीति को साझा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस एक विश्वव्यापी महामारी है और हमारा मुल्क भी इस रोग की चपेट में है, इसलिए सरकार को इससे निपटने के लिए सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में 21 दिन का लॉकडाउन जारी किया है लेकिन जो हालात है उसे देखते हुए यह पर्याप्त नहीं लगता है। इसमें बुज़ुर्गों, मधुमेह,हृदय जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों को बहुत सावधानी से रखे जाने की जरूरत है लेकिन सरकार मनमानी कर रही है और कोरोना वायरस को लेकर किसी की सलाह नहीं ले रही है।