नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर तेजी से देशभर में बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि देश के कई जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है। अभी देश में कोरोना वायरस का दूसरा चरण यानी सेकंड स्टेज चल रहा है। अब सभी लोगों की निगाहें कोरोना के तीसरे चरण यानी थर्ड स्टेज पर लग गई है। यानी अभी यह स्थानीय स्तर पर लोगों को संक्रमित कर रहा है, लेकिन यह स्टेज तीन यानी सामुदायिक संक्रमण पर पहुंच गया तो दिक्क्त हो जाएगी।
इसलिए अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि भारत में कोरोना अभी स्टे-3 में पहुंचा है या नहीं। CMR के वैज्ञानिक डॉ. आरआर गंगाखेड़कर ने बताया कि अगले 24 से 36 घंटों में यह पता चल जाएगा कि कोरोना वायरस ने भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू किया या नहीं। मतलब कोरोना वायरस स्टेज-3 पर पहुंचा या नहीं। यह पता करने के लिए गणितीय मॉडल पर काम चल रहा है।
डॉ. गंगाखेड़कर ने यह जानकारी एक मीडिया संस्थान को दी है। क्योंकि हाल ही में ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने भी कहा था कि अगर कोरोना वायरस देश में स्टेज तीन पर पहुंच गया तो उसे संभालना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसलिए अब सरकार प्रयास कर रही है कि यह तीसरे स्टेज में न पहुंचे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अपने स्तर से जोखिम का आकलन करते हुए उन इलाकों की पहचान करने को कहा गया है जहां लॉकडाउन की जरूरत है। ताकि संक्रमण के चेन को तोड़ा जा सके। अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका, यूके जैसे बुरी तरह प्रभावित देशों से भारतीयों की वापसी हो रही है।
डॉ. बलराम भार्गव ने ये भी बताया है कि 80% मामलों में सामान्य बीमारी है। उन्हें संक्रमण का पता भी नहीं चलता है। 20% मामलों में कोविड-19 से बुखार और खांसी होती है। करीब 5% संक्रमितों को भर्ती कराने की जरूरत होती है। डॉ. भार्गव नेबताया कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज अलग-अलग लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। कुछ दवाइयों के कॉम्बिनेशन आजमाए जा रहे हैं, लेकिन इलाज की अब तक कोई सटीक दवा नहीं मिली है।