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दिल्ली हिंसा में अब तक 7 लोगों की मौत - 50 घायल, हालात तनावपूर्ण

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 25 2020 4:22PM | Updated Date: Feb 25 2020 4:23PM
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नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ फैली हिंसा में आज सुबह भी जिले के कई इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आयी है जिससे हालात तनावपूर्ण है। इसमें मरने वालों की संख्या सात हो गई है। हिंसा में अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस के कई कर्मियों समेत पचास से अधिक लोग घायल हो गये हैं।
 
पुलिस ने हालात पर नियंत्रण करने के लिए पूरे उत्तर पूर्वी जिले में निषेधाज्ञा लगा दी है। पुलिस की ओर से जारी निषेधाज्ञा में लिखा है, ‘हथियार या किसी भी आग लगाने वाली सामग्री को ले जाना निषिद्ध है। सोशल मीडिया पर भी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील, उत्तेजक सामग्री लिखे जाने का प्रचार- प्रसार निषिद्ध है। अगर कोई भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ पुलिस के एक अधिकारी ने आज कहा कि सोमवार को मौजपुर, गोकलपुरी और जाफराबाद समेत अन्य इलाकों में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या सात हो गई है। मरने वालों में एक हेड कांस्टेबल भी शामिल है।
 
गौरतलब है कि रविवार को मामूली पथराव के बाद सोमवार को दिनभर पूरे जिले में हिंसक घटनाएं होती रही।  एक उपद्रवी युवक खुलेआम सड़क पर गोलियां चलाता रहा। दुकानों में आग लगा दी गयी। एक पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया गया। गोकुलपुरी में रात में टायर मार्केट में आग लगा दी गयी जिसे बुझाने में दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पूरे इलाके में शाम तक अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया लेकिन रातभर अलग अलग इलाकों और गलियों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुई। देर रात उपद्रवियों ने कुछ दुकानों में लूटपाट की है। जाफराबाद के हिंसाग्रस्त इलाके में तीन पत्रकार फंस गये थे जिसे बारह बजे रात के बाद पुलिस ने सुरक्षित निकाला। 
 
इससे पहले केजरीवाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने पुलिस बल पर्याप्त संख्या में नहीं होने और हिंसा फैलाने के लिए सीमावर्ती राज्यों से उपद्रवियों के आने की बात कही थी। पूरे जिले में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए है। इस बीच पिंजड़ा तोड़ आंदोलन ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में वहां पर महिलाओं की मानव श्रंखला बनाने का आह्वान किया है। इसमें सभी धर्मों समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस मानव श्रंखला में शामिल होने की अपील की गयी है। उल्लेखनीय है कि इस पिंजड़ा तोड़ आंदोलन में राजधानी के विभिन्न कालेजों की छात्राएं शामिल हैं।
 
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