दरभंगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर जारी विरोध के बीच आज एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगी। कुमार ने दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, चंदनपट्टी के प्रांगण में करीब 80 करोड़ रुपये की लागत वाली अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नही होनेवाली है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) का जो प्रारूप था उसके आधार पर ही अब एनपीआर लाया जाना चाहिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि इस संस्थान का और विस्तार करिए, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को कह दिया गया है, इसके लिए राज्य सरकार जमीन मुहैया कराएगी ताकि यह इसका शिलान्यास कर सकें। उन्होंने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मो. अली अशरफ फातमी को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि फातमी साहब जब केंद्र में मंत्री थे उसी दौरान यहां मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के कैम्पस के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जो मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर है। देश की आजादी और शिक्षा के विकास में मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे कभी भुलाया नही जा सकता।