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फूट डालो राज करो तो मोदी ने भटकाओ और राज करो की नीति अपनाई : कन्हैया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 23 2020 12:31AM | Updated Date: Feb 23 2020 12:32AM
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पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनएसयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज आरोप लगाया कि जिस तरह अंग्रेज भारत में शासन करने के लिए 'डिवाइड एंड रूल' (फूट डालो और राज करो) की नीति अपनाते थे उसी तरह नरेंद्र मोदी सरकार 'डायवर्ट एंड रूल' (भटकाओ और राज करो) की नीति का इस्तेमाल कर रही है। कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'जन गण मन' यात्रा के दौरान, उन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों में जमीनी हकीकत को देखने का अवसर मिला और यह स्पष्ट था कि सरकार को युवाओं को रोजगार देने, किसानों की शिकायतों और गरीबी को दूर करने के लिए काम करना चाहिए लेकिन दुख की बात है कि इस दिशा में केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहा है।

भाकपा नेता ने कहा कि वास्तविकता है कि बिहार से बड़ी संख्या में युवा नौकरी और आजीविका की तलाश में दूसरे राज्यों में चले गए हैं और यह अभी भी जारी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्हें उनके गृह राज्य में इसके लिए अवसर नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की यह संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे ऐसी नीतियां बनाएं जो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकें लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में शासन के लिए 'डायवर्ट एंड रूल' का जो फार्मूला अपनाया है वह अंग्रेजों के अपनाये गये 'डिवाइड एंड रूल' का ही नया संस्करण है।

कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) सरकार का गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का एक प्रयास है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सत्ता में चिपके रहने के लिए केन्द्र और राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की मुख्य मुद्दों को कूड़े में डालने की कोशिश को उनकी पार्टी सफल नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पूर्व जेएनयू के एक मामले को लेकर उनके खिलाफ लोगों को गोलबंद करने की कोशिश हुई थी और आज इसी उद्देश्य के लिए नये नये तरीके अपनाये जा रहे हैं । 

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