नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने के मामले में सुनवाई 17 फरवरी तक टल गयी है। अदालत ने निर्भया के परिजनों की याचिका पर सुनवाई गुरुवार को 17 फरवरी तक के लिए टाल दी। निर्भया के परिजनों ने इस मामले के चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत में गुहार लगायी है। निर्भया के परिजनों ने अदालत को बताया कि इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए दी गयी एक सप्ताह की मियाद समाप्त हो चुकी है।
याचिका में बताया गया है कि उच्च न्यायालय ने पांच फरवारी की दोषियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय में दिया था। उधर, सत्र न्यायाधीश की अदालत ने निर्भया दुष्कर्म मामले के एक दोषी पवन गुप्ता को कानूनी सहायता मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया है, जिसने कहा था उसने अपने वकील को हटा दिया है। उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सबसे पहले इस मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह तथा अक्षय सिंह को 22 जनवरी को फांसी दिये जाने के लिए डेथ वारंट जारी किया था।
इसके बाद एक फरवरी को फांसी दिये जाने के लिए डेथ वारंट जारी किया, लेकिन एक दोषी द्वारा विभिन्न याचिकाएं दाखिल किये जाने के कारण अभी तक इन चारों दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकी है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि दोषी जानबुझकर फांसी की प्रक्रिया को टाल रहे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि दोषी को अंतिम क्षण तक कानूनी सहायता लेने का अधिकार है। उन्होंने दिल्ली कानूनी सेवा के अधिकारियों को पवन को वकील मुहैया कराने का आदेश दिया। इसके बाद अधिकारियों ने पवन के पिता को वकीलों की एक सूची मुहैया कराई। पवन के पिता को वकीलों की सूची मिलने के बाद अदालत ने रवि काजी को पवन का वकील नियुक्त किया और मामले को अगली सुनवाई के लिए सोमवार तक के लिए टाल दिया।