नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार ने एक भी मकान बनाने के आवेदन की सिफारिश नहीं की है। पुरी ने यहां अपने कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को पक्का और बुनियादी सुविधाओं से युक्त आवास उपलब्ध कराना है। योजना के तहत वर्ष 2022 तक 110 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 97 लाख मकान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने और लोगों को इसका लाभ दिलाने में राज्य सरकार की केंद्रीय भूमिका है। संबंधित व्यक्ति के आवेदन को राज्य सरकार अपनी सिफारिश के साथ भेजती है। दिल्ली सरकार ने आज तक एक भी आवेदन केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा है। इस कारण से दिल्ली के एक भी परिवार को राज्य सरकार के माध्यम से इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली में अनधिकृत बस्तियों में भू मालिकों को मान्यता देने और ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ जैसी योजनायें शुरू की है। इन दोनों योजनाओं के माध्यम से दिल्ली में तकरीबन 60 लाख लोगों को पक्का और अपना मकान मिल सकेगा।