महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक बस डिपो प्रबंधक ने बहादुरी दिखाते हुए भारी बाढ़ और बारिश के बीच सरकार के लाखों रुपये बचाने के लिए लिए लगभग सात घंटे तक बस के ऊपर डेरा डाल दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार, रत्नागिरी में चिपलून बस डिपो के प्रबंधक रंजीत राजे शिर्के बाढ़ वाले इलाके में फंस गए क्योंकि वहां कई वाहन और बसें जलमग्न हो गई थी।
लेकिन चूंकि उनके पास कैश में बहुत बड़ी रकम थी इसलिए इस पैसे को बचाने के लिए वे बस की छत पर चढ़ गए और वहीं लगभग सात घंटे डेरा डाले रखा। बता दें कि परिवहन राजस्व विभाग के 9 लाख रुपये नकद राशि उनके पास थी जो कि सावधानी नहीं बरतने पर डूब सकती थी।
इस घटना पर डिपो के प्रबंधक रंजीत राजे शिर्के ने कहा कि हर मिनट जलस्तर बढ़ रहा था। यदि नकद कार्यालय में रखा रह जाता तो इसके भींगने और बह जाने की संभावना थी। मुझे जिम्मेदार ठहराया जाता। अपने जीवन के बारे में सोचे बिना मैंने नकदी की रक्षा की और यह मेरा मुख्य कर्तव्य भी था।
उन्होंने कहा कि कुछ अन्य कर्मचारी भी थे जिन्होंने उनकी तरह बसों के ऊपर डेरा डाला था। फिर एक बार बाढ़ का पानी कम होने लगा तो मैं और अन्य कर्मचारियों ने कथित तौर पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के रत्नागिरी मंडल कार्यालय को फोन किया और स्थानीय पुलिस स्टेशनों को भी स्थिति के बारे में सूचित किया और हमें वहां से सुरक्षित जगह पर ले जाया गया।