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पट्टे की जमीन पर खड़ी फसल के लिए चली लाठियां, हमले में घायल दलित की मौत, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 18 2023 3:55PM | Updated Date: Mar 18 2023 3:55PM
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इंदौर से सटे देपालपुर के थाना गौतमपुरा क्षेत्र के ग्राम कांकवा की जमीन कों लेकर दलित परिवार और दबंगों के बीच हुए खूनी संघर्ष हो गया। इसमें मुंडलाकलमा के एक दलित की मौत हो गई।इस घटना में आठ लोग घायल हुए हैं।घायलों को इलाज के लिए इंदौर रेफर किया गया है।पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों का दो मंजिला मकान रातों-रात दबंगों का मकान तोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक देपालपुर के ग्राम गौतमपुरा की कांकवा की जमीन का कब्जा मिलने के बाद खेत में लगी हुई फसल काटने पहुंचे ग्राम मुंडलाकलमा के पट्‌टाधारी दलित मायाराम का परिवार पहुंचा था। इस दौरान कांकवा के बाबू सिंह राजपूत के परिवार के 12-15 लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया।इस हमले में नौ लोग घायल हो गए।गंभीर रूप से घायल सात लोगों को इंदौर रेफर कर दिया गया। इस खूनी संघर्ष में घायल मुंडला कला के दलित मायाराम की शुक्रवार दोपहर इंदौर में मौत हो गई। 

मायाराम की मौत की सूचना पर से उसके गांव में उसके परिजनों और गांववालों में आक्रोश फैल गया।पुलिस ने इंदौर में शनिवार को मायाराम का पोस्ट मार्टम कराया जाएगा।इस घटना के बाद कांकवा और मुंडला कला में पुलिस बल तैनात किया गया है। गौतमपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया है।मायाराम की मौत के बाद अपर कलेक्टर,एसडीएम,एसपी,एडिशनल एसपी,एसडीओपी और तीन थानों के टीआई रात 11 बजे कांकवा गांव के आरोपी दबंगों के घर पहुंचे और दो जेसीबी मशीन की सहायता से उनको दो मंजिला मकान तुड़वा दिया। पुलिस ने हमले के दो आरोपियों बाबू सिंह और पवन को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के सात आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। 

गौरतलब है कि देपालपुर के ग्राम गौतमपुरा के कांकवा गाव की 30 से 40 बीघा जमीन को लेकर 1961 से विवाद चला आ रहा है।दलित परिवार को 2002 में इन जमीनों के पट्‌टे बांटे गए थे। इसके बाद पट्‌टाधारी और कब्जाधारी दबंगों के बीच विवाद हुआ था। मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था।लंबी लड़ाई के बाद अदालत ने पट्‌टेधारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। न्यायालय के आदेश पर 22 फरवरी 2023 को पट्‌टेधारियों को कब्जा दिलवाया गया था।कब्जा लेते वक्त फसल खड़ी थी।इसी फसल को काटने पट्‌टेधारी फरियादी वहां पहुंचे थे।इसी दौरान जमीन को लेकर खूनी संघर्ष हुआ।

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