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प्रदेश में कोयले की कमी से बिजली इकाईयां बंद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 19 2022 6:21PM | Updated Date: Jan 19 2022 6:21PM
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भोपाल। प्रदेश में रबी के सीजन में बिजली की मांग अधिक होती है, इसी समय प्रदेश में बिजली उत्पादन कम हो गया है। वजह कोयले की कमी है। कई इकाईयां कोयले की कमी के कारण बंद कर दी गई है। वहीं बिजली ताप गृहों में दो से सात दिन का कोयला ही बचा है। मप्रप्रपावर जनरेशन कंपनी के पास 5400 मेगावाट की कुल बिजली क्षमता है। फिलहाल 2500 मेगावाट के आसपास बिजली पैदा की जा रही है।
 
कम कोयले की वजह
 
बिजली उत्पादन के लिए कोयले की पर्याप्त मात्रा जरूरी है लेकिन मुख्य अभियंता मप्रप्र पावर जनरेशन कंपनी राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि ताप गृहों में पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है। रेलवे की तरफ से नियमित सप्लाई नहीं होने की वजह से कोयल कम पहुंच रहा है। अफसरों का मानना हैं कि बारिश के दौरान ज्यादा सप्लाई नहीं हुई। अब देश में हर तरफ कोयला भेजा जा रहा हैं ऐसे में थोड़ी दिक्कत आ रही है।
 
दो इकाई बंद
 
बिरसिंहपुर के संजय गांधी ताप विद्युत गृह की एक इकाई 210 मेगावाट की कोयले की कमी के कारण बंद की गई है। इसके अलावा श्रीसिंगाजी ताप गृह की 600 मेगावाट क्षमता वाली दो नंबर की इकाई को विगत पांच जनवरी से कोयले की कमी के कारण बंद रखा गया है। मप्र में बीते 14 जनवरी को अधिकतम बिजली की मांग 11840 मेगावाट थी। वहीं 15 जनवरी की दोपहर करीब एक बजे बिजली की मांग घटकर 7680 मेगावाट पर आ गई है। संजय गांधी,अमरकंटक और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में कोयले का स्टाक चिंताजनक स्थिति में है। दो से तीन दिन का स्टाक बचा है। ऐसे में बिजली संकट गहरा सकता है।  सरकार को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास करना चाहिए।
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