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ओबीसी को लेकर मध्यप्रदेश में बयानबाजी जारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 30 2021 5:12PM | Updated Date: Jul 30 2021 5:12PM
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भोपाल। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के मामले में पिछले कुछ दिनों से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच मध्यप्रदेश में राजनैतिक बयानों का दौर जारी रहने के बीच आज गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर फिर से हमला किया है। मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट में कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले में कांग्रेस के आंसू घड़यिाली हैं। जबकि मेडिकल और डेंटल शैक्षणिक संस्थाओं में इस वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देकर मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि असल हितैषी कौन है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मध्यप्रदेश में ओबीसी के तीन मुख्यमंत्री बनाए हैं।
 
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बताएं कि कांग्रेस ने कितने मुख्यमंत्री ओबीसी के बनाए हैं। मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच कथित संवादहीनता संबंधी खबरों के बीच कहा कि कमलनाथ ने ओबीसी के बड़े नेता अरुण यादव पर हमले के लिए सज्जन सिंह वर्मा (कांग्रेस) के कंधे का इस्तेमाल किया है। इससे उनकी और कांग्रेस की ओबीसी विरोधी सोच उजागर हो गयी है। मिश्रा ने इस संबंध में आयी खबरों के प्रकाश में कहा कि कांग्रेस नेता वर्मा ने यादव को भूमाफिया भी साबित करने की कोशिश की है। यादव ने चुनाव आयोग को दिए शपथपत्र में अपनी जमीन 60 एकड़ बतायी है, जिसे कमलनाथ के प्रिय वर्मा एक हजार एकड़ बता रहे हैं।
 
दरअसल वर्ष 2019 में कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था। इसे कुछ ही समय में कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी और इस पर रोक लग गयी, जो अब भी बरकरार है। बीस मार्च 2020 तक मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ अब इस मामले को लेकर मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि ओबीसी मामले में सरकार न्यायालय में बेहतर ढंग से पैरवी नहीं करवा रही है।
 
दूसरी ओर चौहान समेत भाजपा नेताओं के लगातार बयान आ रहे हैं कि कमलनाथ और कांग्रेस वास्वत में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ओबीसी को नहीं देना चाहती है, इसलिए उसने सत्ता में रहते ठोस कदम नहीं उठाए और अब राजनैतिक लाभ के लिए भाजपा पर आरोप लगा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों में पिछले कुछ दिनों से आरोप प्रत्यारोप के दौर जारी हैं, लेकिन कल मोदी सरकार द्वारा मेडिकल और डेंटल शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी को आरक्षण 27 प्रतिशत करने से भाजपा नेता और हमलावर हो गए नजर आ रहे हैं।
 
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