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कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें- आनंदीबेन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 11 2021 7:45PM | Updated Date: Apr 12 2021 2:29PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें, जिन नगरीय क्षेत्रों में संक्रमण का प्रभाव अधिक है, उन क्षेत्रों में आवासीय, मोहल्ला और वार्ड समितियों के पदाधिकारियों और सदस्यों को जनता कर्फ्यू के लिए प्रेरित किया जाए। पटेल आज उत्तरप्रदेश के लखनऊ स्थित राजभवन से प्रदेश के 21 शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो क्रॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि जनता कर्फ्यू लागू करने के कार्य में विश्वविद्यालयों द्वारा समन्वय के प्रयास किए जाएं। विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी जन जागृति और जनता कर्फ्यू के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं में सहयोग दें। इससे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयास प्रभावी होंगे। उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदारी से पालन करने के लिए विश्वविद्यालयों के स्टाफ और विद्यार्थियों को संकल्पित कराने की जरूरत भी बताई। 

उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान रहवासियों को बाहर नहीं जाना पड़े। इस कार्य में युवाओं द्वारा सहयोग किया जा सकता है। विश्वविद्यालय युवाओं का दल गठित करें, जो रहवासियों के साथ दूरभाष पर सम्पर्क में रहें और उनके लिए आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामग्री दुकानों से लाकर प्रदान करें। इससे रहवासी घर पर रहेंगे और दुकानों पर भीड़ में कमी आएगी। सामाजिक दूरी की व्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समाज सेवी कार्यों, वैक्सीनेशन के लिए जन जागृति एवं जन सहयोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय इस दिशा में नवाचारी सोच के साथ प्रयास करें। केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के कार्य को तेजी से करने में भी विश्वविद्यालय और उनके छात्र सहयोग कर सकते हैं।
 
संकट के इस समय में वैक्सीनेशन की एक-एक डोज महत्वपूर्ण है। चूँकि एक वैक्सीन में 10 व्यक्तियों की डोज होती है। इसलिए यह जरूरी है कि वैक्सीनेशन के लिए प्रेरक यह ध्यान रखें कि सेंटर पर 10 के गुणित में ही पात्र व्यक्तियों को ले जाया जाए। इस संबंध में विश्वविद्यालय आईटी सेल के माध्यम से जन जागृति के प्रयासों को तेज किया जाए। विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों में शत-प्रतिशत टीककरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन का कार्य भी प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए। परीक्षा तिथि के संबंध में असमंजस की स्थिति नहीं रहे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परीक्षाओं की संभावित तिथियों को अभी से निश्चित कर लें।  इससे परीक्षाओं के संबंध में पालकों और विद्यार्थियों को निंश्चितता आएगी। परीक्षाओं की तैयारी एकाग्रता के साथ कर सकेगें।
 

 

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