भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना संकट के चलते राज्य की राजस्व आय में भले ही कमी हुई है, लेकिन जनकल्याण के कार्यों पर व्यय में बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएम चौहान ने यहां 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां ऐतिहासिक लाल परेड मैदान परिसर के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में राज्य स्तरीय आयोजन को संबोधित किया।
सीएम चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के चलते सरकार की राजस्व आय में बहुत कमी आई है। कोविड संबंधी व्यवस्थाओं के लिए काफी व्यय हुआ, परन्तु जनकल्याण के व्यय में बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार के खजाने पर पहला हक गरीबों का है।
चौहान ने ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने महिला विशेष सशस्त्र बल, जिला बल, शासकीय रेल पुलिस, विशेष शस्त्रबल हॉक फोर्स, एस.टी.एफ., नगर सेना, जेल विभाग और पुलिस बैंड की टुकड़ियों से सज्जित परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्यमंत्री चौहान की पत्नी साधना सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
चौहान और सभी उपस्थितों द्वारा 'भारत माता' के जयघोष के साथ मुख्यमंत्री का संबोधन प्रारंभ हुआ। चौहान ने राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलवाने वाले वीर बलिदानियों के चरणों में नमन करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वालों के सम्मान में भोपाल में निर्मित शौर्य स्मारक में आज भारत माता की प्रतिमा स्थापित हुई है। यह सभी को राष्ट्र प्रेम, शौर्य और साहस की प्रेरणा देगी। प्रत्येक नागरिक को भोपाल के शौर्य स्मारक में स्थापित इस प्रतिमा के दर्शन करना चाहिए।
चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण किया तथा उनके कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि भारतभूमि सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। यही जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। उन्होंने कहा कि ये वीरों की भूमि है। ये तर्पण और अर्पण की भूमि है। इसका कंकर कंकर शंकर है। इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे, तो इसके लिए। मरने के बाद जब अस्थियां विसर्जित होंगी, तो जल से भी भारत माता के जयघोष की आवाज आएगी।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। अब यह वर्ष 1962 का भारत नहीं है। यदि किसी शत्रु ने भारत की ओर आंख उठाकर देखा, तो उसे सबक सिखाने में भारत पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि, परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा और भूखंड प्रदान करने का निर्णय लेकर बलिदानियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है।
चौहान ने कहा कि हमारी सीमा पर अतिक्रमण करने का दुस्साहस करने वालों को हमारे वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की परवाह न कर मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के फरेंदा गांव के सैनिक दीपक सिंह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। सीएम चौहान ने दीपक सिंह के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
चौहान ने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में सही समय पर लिए गए सुविचारित निर्णयों के परिणामस्वरूप भारत ने कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रभावी कार्य किया है। कठिन चुनौती भरे समय को अवसर के रूप में लेते हुए उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, उस पर प्रदेश तेज गति से चल रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि कोविड की आपदा से निपटने के लिए सरकार ने समाज के सहयोग से 'आई.आई.टी.टी.' अर्थात् आईडेंटीफाई, आयसोलेट, टेस्ट एण्ड ट्रीट' की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गयी। वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा सामग्री एवं अन्य आवश्यक उपकरण जैसे - दवाएं, मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर्स, टैस्टिंग लेबोरेटरी और टैस्टिंग किट्स आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखी गयी। सरकार के प्रोत्साहन से कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए आवश्यक कई सामग्रियों का उत्पादन मध्यप्रदेश में ही प्रारंभ हुआ।
चौहान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए एक जुलाई से 31 जुलाई, 2020 के मध्य चलाये गए 'किल कोरोना' अभियान में घर-घर जाकर शत-प्रतिशत परिवारों का सर्वे किया गया। इसके एक अगस्त से प्रारंभ किए गए दूसरे चरण में सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने की अनिवार्यता के संबंध में जनजागरूकता के लिए विस्तार का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से हम 'सहयोग से सुरक्षा' अभियान प्रारंभ कर रहे हैं, जिसका मूल मंत्र पांच शब्द हैं-प्रमोट-अर्थात् सुरक्षा के उपायों को बढ़ावा देना, परपेच्यूएट-अर्थात् परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाना, प्रोपोगेट-अर्थात् गलत एवं भ्रामक जानकारियों का खंडन करना, पार्टिसिपेट-अर्थात् कोविड की रोकथाम में जन-सहयोग प्राप्त करना और प्रोटेक्ट-अर्थात् कोरोना संक्रमित को किसी भी भेदभाव से बचाना।
चौहान ने इसके साथ ही प्रदेश की जनता से आव्हान करते हुए कहा कि यदि हमें कोरोना की महामारी से आजादी पाना है, तो जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क अवश्य लगायें। आपस में दो गज यानी कम से कम छह फीट की दूरी रखें, नियमित अंतराल पर अपने हाथ साबुन से धोते रहें। योग-प्राणायाम, व्यायाम, काढ़ा सेवन आदि के माध्यम से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ायें।