भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी समय में हम प्रदेश में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान आज यहां मंत्रालय में नाबार्ड के 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विजनरी लीडर और मैन ऑफ आइडिया है।
उन्होंने कोविड की चुनौती को अवसर में बदला है तथा नए आत्मनिर्भर भारत का मंत्र एवं संकल्प लिया है। हम उसे पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए खेती, किसान एवं गाँवों के अधिकाधिक विकास की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमताएं बढ़ाने के लिए विशेष कार्य हुए हैं। गत वर्षों में हमने प्रदेश में सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हैक्टेयर से 42 लाख हैक्टेयर तक पहुंचाया है, इसमें नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। आगामी समय में हम प्रदेश में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि नाबार्ड द्वारा आज मध्यप्रदेश के लिए 1425 लिफ्ट इरीगेशन' को स्वीकृति दी गई है। साथ ही अन्य परियोजनाओं के लिए 4 हजार करोड़ का ऋण भी स्वीकृत किया है। इसके लिए वे नाबार्ड की पूरी टीम का पूरे हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, महाप्रबंधक नाबार्ड डॉ. डी.एस. चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि विकास में 24 प्रतिशत तक विकास दर हासिल की है। इसका एक प्रमुख कारण सिंचाई के क्षेत्र में विशेष प्रयास है। इस विकास दर को हासिल करने में नाबार्ड का विशेष सहयोग रहा है। नाबार्ड द्वारा कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं कृषि अधोसंरचना विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। सरकार अब इन्हें 4 प्रतिशत ब्याज दर पर आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी। नाबार्ड की ई-शक्ति योजना पर पूरा अमल किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूह लोकल को वोकल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चौहान वी.सी. के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों से बातचीत की। रतलाम जिले की गंगा स्व-सहायता समूह की छपली बाई ने बताया कि उनका समूह ब्लॉक प्रिंटिंग, पंजाबी सूट बनाने, चूड़ी निर्माण आदि का कार्य करता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी चादर की बहुत तारीफ होती है उन्हें भी आपकी चादर देखनी है।
मुख्यमंत्री को रेवा किसान उत्पादन संगठन सीहोर के प्रकाश मीना ने बताया कि उनका संगठन जैविक खेती, बीज उत्पादन, सब्जी उत्पादन, दूध संग्रहण, मवेशी उपलब्ध कराने का कार्य करता है तथा उनका वार्षिक टर्न ओव्हर 71.69 लाख रूपये है। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्य की सराहना की। देवास के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले में रूफ वॉटर हारर्वेसिंटग तकनीक को विकसित किया गया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता एवं भू-जल स्तर वृद्धि में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई। चौहान द्वारा नाबार्ड की 2381.69 लाख रूपये की अनुदान सहायता परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। इनसे प्रदेश के 10.82 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इनमें मुख्यत: स्व-सहायता समूहों संबंधी ई-शक्ति परियोजना (प्रदेश के सभी जिलों में) 1587 लाख, प्रवासी मजदूरों के लिए आजीविका कार्यक्रम 275.67 लाख, वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन कार्यक्रम 321.89 लाख, कृषि उत्पादक संघ, वाटरशेड परियोजना 196.89 लाख रूपये की है।