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प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने समय रहते कोरोना को नियंत्रित किया-शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 5 2020 1:27AM | Updated Date: Apr 5 2020 1:27AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दूरदर्शन के माध्यम से प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही कोरोना संकट को पहचान लिया तथा देश में लॉकडाउन जैसी व्यवस्था प्रारंभ कर दी। यह उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है कि समय रहते है हमने देश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर लिया है। चौहाने ने कहा कि जहाँ विश्व के इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देश भयानक संकट से गुजर रहे है भारत की स्थिति बेहतर है।
 
मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग में सारे देश को एक सूत्र में बांध दिया। लड़ाई कठिन है पर हम पूरी ताकत से इससे लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने कहा कि 23 मार्च की रात 9 बजे शपथ लेने के बाद मैंने सबसे पहला काम वल्लभ भवन पहुँच कर कोरोना के संबंध में बैठक लेने का किया। पूरा शासन, प्रशासन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुट गया। हमारे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामैडिकल स्टाफ, पुलिस, विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार जान हथेली पर रखकर लोगों की जिंदगी बचाने में लगे हैं।
 
पूरे प्रदेश में जनता के सहयोग से प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के आह्वन को पूरी तरह से सफल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के योद्धाओं के साथ दुर्व्यवहार और पथराव जैसी शर्मनाक घटना इंदौर में हुई। हमने इसे अत्यंत गंभीरता से लेकर संबंधितों के विरूद्ध रासुका के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की। हमारे अमले का हौसला कम नहीं हुआ तथा दूसरे दिन पुन: वहीं कार्य करने पहुँच गए। मेरे कुछ अधिकारी भी संक्रमित हो गए हैं, परंतु उनका कार्य करने का हौसला नहीं टूटा है।
 
हम अपने हौसले से कोरोना को हराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी प्रदेशवासी प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन के रूप में खींची गई लक्ष्मण रेखा को पार नहीं कर रहे हैं। सभी घर तक सीमित हैं। प्रदेश में कोरोना से बचाव, इलाज की हर संभव व्यवस्था की गई है। हमारी कोरोना टेसिं्टग की क्षमता वर्तमान में 500 है, जिसे बढ़ाकर अतिशीघ्र 1000 कर लिया जाएगा। कोरोना से बंचाव के लिए पहने जाने वाले पीपीई किट्स अब हम मध्यप्रदेश में बना रहे हैं तथा उनको भारत सरकार ने मान्यता दी है।
 
मास्क, दवाओं आदि की कमी नहीं है। हमारे स्व-सहायता समूह मास्क बना रहे है। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्थिति में मास्क उपलब्ध नहीं हो पाता है तो घर पर ही मास्क बना लें। सूती कपड़े को तीन फोल्ड करें तथा मास्क बना लें। उन्होंने अपने गमछे से तीन फोल्ड मास्क बनाकर बताया। उन्होंने कहा कि हमारे जो मजदूर भाई-बहन दूसरे प्रदेशों में काम करके प्रदेश लौटे हैं तथा जो दूसरे प्रदेशों के हमारे प्रदेश में आए हैं, सरकार उन सबकी भोजन, आवास, जाँच, दवाईयों आदि की व्यवस्था कर रही है।
 
ग्रामीण क्षेत्र में हम इस महामारी से अभी दूर हैं। सरकार द्वारा लगभग 1 करोड़ 46 लाख गरीबों के लिए तीन माह के मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है। शासन के अलावा बहुत सारी स्वयंसेवी संस्थाएं भी गरीबों को मुफ्त भोजन करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के ऐसे 30 लाख परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिए भी विशेष "कोरोना कोटा" के अंतर्गत 2 माह का राशन प्रदान किया जा रहा है। उनके लिए चावल की व्यवस्था भी की जा रही है तथा दाल भी दी जाएगी। निर्माण श्रमिकों के खातों में 1-1 हजार रुपए की राशि दी गई है। बाहर के मजदूरों को भी 1-1 हजार रुपए की राशि दी जा रही है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि "हम सब भारत के हैं लाल, भेदभाव का नहीं सवाल"। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा ­कि प्रदेश में कक्षा 1 से 8 तक जनरल प्रमोशन दिया जा रहा है तथा कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परिक्षाएँ बाद में की जाएंगी। उनके लिए रेडियो स्कूल भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 52 लाख विद्यार्थियों को शासन द्वारा 430 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति उनके खातों में भिजवाई गयी है। मध्यान्ह भोजन की राशि बच्चों के अभिभावकों के खातों में तथा रसोईयों का भी मानदेय उनके खातों में भिजवाया गया है।
 
मकान मालिकों से कहा गया है कि वे किराएदारों से मकान खाली न करवाएं। फैक्ट्री मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने मजदूरों का वेतन न रोकें तथा उनकी भोजन आदि की व्यवस्था करें। उन्होंने किसानों से कहा कि उन्हें कृषि कार्यों के लिए हार्वेस्टर, कृषि उपकरण, आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे, इन पर रोक नहीं लगायी गयी है। पंजाब सरकार से संपर्क करके कहा गया है कि वे प्रदेश में हार्वेस्टर आने दें। किसान अपनी फसल बिना किसी बाधा के काट सकेंगे, परन्तु उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। उनकी फसल की खरीदी की व्यवस्था भी आगामी 15 अप्रैल से की जा रही है।
 
उनकी पूरी फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हमेशा अपने अधिकारी-कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखती है। कोरोना संकट के चलते हमारा राजस्व संग्रहण अत्यंत कम हुआ है तथा सारे संसाधन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं फिर भी हम कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए अवश्य देंगे। अभी इसे स्थगित किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार समाज के किसी भी वर्ग को तकलीफ नहीं आने देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख तक का बीमा घोषित किया है।
 
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के अलावा भी कोरोना संकट से लड़ने वाले सरकारी अमले को किसी अनहोनी होने पर 50 लाख की राशि का प्रावधान कर रही है। प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए सभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक करके उनसे आग्रह किया गया है कि प्रदेश में आगामी त्यौहार घर पर ही रहकर मनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोग चाहे किसी भी समुदाय अथवा धर्म के हों, सभी कोरोना संकट में सहयोग कर रहे हैं तथा गत त्यौहार भी उन्होंने घर पर रहकर ही मनाए हैं।
 
इस संकट में लोग मृत्युभोज, विवाह आदि आयोजन भी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुरैना में संक्रमण फैलने का कारण दुबई से आए एक परिवार द्वारा वहाँ मृत्युभोज का आयोजन किया जाना था। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति "वसुदेव कुटुम्बकम्" की है। हम सभी को अपना भाई मानते हैं। दुनिया एक परिवार है। कोरोना की लड़ाई इंसान को बचाने के लिए की जा रही है। हम सब मिलकर दुनिया को इस संकट से बचाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तब्लीगी जमात के बहुत से व्यक्ति संक्रमित मिले तथा उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी, जिसके कारण दूसरों में यह संक्रमण फैला।
 
हम किसी भी व्यक्ति को स्वयं के साथ दूसरों की जिन्दगी खतरे में डालने की इजाजत नहीं देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 अप्रैल को सारे प्रदेशवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रात्रि 9 बजे से 9 बजकर 9 मिनट तक अपने अपने घरों की बाल्कनियों और दरवाजों में दिए, मोमबत्ती, मोबाइल फ्लैश लाइट जलाने के आह्वन को सफल बनाएं।
 
इस समय घर की लाइट बंद करनी है, परन्तु अन्य यंत्र चल सकते हैं। हमें अंधकार से प्रकाश की ओर जाना है। कोरोना के अंधेरे से सबको मिलकर लड़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'कोरोना संकट समाप्त होने पर मैं स्वयं गिरिराज जी की परिक्रमा देने जाऊंगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि : हम लड़ेंगे, जीतेंगे, हार नहीं मानेंगे। रैन अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी, जरूर आएगी। 
 
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