इंदौर। इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) के मुर्दाघर के सामने सोमवार को तब विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई जब धर्म बदलकर मुस्लिम बने 48 वर्षीय एक डंपर चालक के शव के अंतिम संस्कार की पद्धति को लेकर दो पक्ष आपस में झगड़ने लगे। चश्मदीदों के मुताबिक MYHके मुर्दाघर के सामने इस व्यक्ति की मां सोरम बाई उसके शव का हिंदू वैदिक पद्धति से दाह संस्कार कराने पर अड़ गई, जबकि उसकी बेटी रानी शेख शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान भिजवाए जाने की जिद करने लगी। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद दोनों पक्षों में आपसी सहमति बन गई कि पहले इस व्यक्ति के शव को उसके पैतृक घर में हिंदू परंपरा के मुताबिक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, फिर कब्रिस्तान में इस्लामी रीति-रिवाज से उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
पुलिस उपनिरीक्षक महेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस सहमति के मुताबिक डंपर चालक सलीम खान (48) के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद देवास जिला स्थित उसके पैतृक घर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, "अंतिम दर्शन के बाद खान के शव को इस्लामी रीति-रिवाज से कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।" श्रीवास्तव ने बताया कि खान देवास जिले में एक हिंदू परिवार में पैदा हुआ था और वर्षों पहले धर्मांतरण से पूर्व उसका नाम प्रकाश मालवीय था। उन्होंने कहा, "आधार कार्ड और मतदाता परिचय पत्र में उसका नाम सलीम खान के रूप में दर्ज है।" श्रीवास्तव ने बताया कि इंदौर के तेजाजी नगर क्षेत्र में रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने के बाद खान को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने कहा, "खान की मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चल सकेगा। हालांकि, ऐसा लगता है दिल के दौरे से उसकी मौत हुई।