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Pegasus Spyware: आज आएगा फैसला, स्वतंत्र जांच के लिए SC ले सकता है ये निर्णय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 27 2021 11:12AM | Updated Date: Oct 27 2021 11:12AM
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नई दिल्‍ली। Pegasus मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच होगी या नहीं, इस पर आज फैसला हो जाएगा। पेगासस स्पाइवेयर मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना आदेश सुनाएगा। ये फैसला सुबह साढ़े दस बजे सुनाया जाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को याचिकाओं पर आदेश पारित करेगी। इससे पहले, बेंच ने कहा था कि वह उन रिपोर्टों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने पर विचार कर रही है। जिसमें सरकार पर राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। 23 सितंबर को भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा था कि अदालत पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं आदि की जासूसी के आरोपों को देखने के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने पर विचार कर रही है। इजरायली कंपनी NSO ने पेगासस स्पाइवेयर को तैयार किया है। चीफ जस्टिस ने कहा था कि तकनीकी समिति का हिस्सा बनने के इच्छुक व्यक्तियों की पहचान करने में कठिनाइयों के कारण आदेश में देरी हो रही है। 13 सितंबर को चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने पेगासस मामले में अंतरिम आदेश सुरक्षित रखा था।
 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इसलिए इसे न्यायिक बहस या सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार हलफनामे में यह नहीं बता सकती कि उसने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, क्योंकि इससे आतंकी समूह अलर्ट हो सकते हैं। केंद्र ने यह पूछने के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने की पेशकश की थी कि क्या पेगासस का इस्तेमाल फोन पर जासूसी करने के लिए किया जाता है। इसने कहा था कि मामले की स्वतंत्र डोमेन विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा जांच की जा सकती है और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा सकती है। सरकार ने यह भी तर्क दिया था कि वह मुद्दों की जांच के लिए उसके द्वारा गठित की जाने वाली विशेषज्ञ समिति के समक्ष निगरानी का विवरण रखने को तैयार है और समिति सर्वोच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट दे सकती है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने बार-बार बेंच से कहा था कि केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब देने से बच रही है कि क्या उसने या उसकी किसी एजेंसी ने कभी पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से सरकार को इस मुद्दे पर सफाई देने का निर्देश देने का आग्रह किया है। शीर्ष अदालत के समक्ष इस मामले में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
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