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अवमानना मामला : प्रशांत भूषण दोषी, सजा पर 20 अगस्त को सुनवाई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 15 2020 12:26AM | Updated Date: Aug 15 2020 12:26AM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी मामले में जाने माने वकील प्रशांत भूषण को शुक्रवार को अवमानना का दोषी करार दिया, जबकि ट्विटर को आरोप मुक्त कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि श्री भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया जाता है। खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति गवई ने संक्षिप्त आदेश सुनाते हुए कहा, ‘‘भूषण अदालत की अवमानना के गंभीर दोषी पाये गये हैं। न्यायालय 20 अगस्त को उनकी सजा पर सुनवाई करेगा।’’ शीर्ष अदालत ने इस मामले में ट्विटर के खिलाफ अवमानना कार्रवाई यह कहते हुए समाप्त कर दी कि उसके सोशल मीडिया में दोषी द्वारा जो भी पोस्ट किया गया, उस पर उसका कंट्रोल नहीं था। साथ ही ट्विटर ने माफी भी मांग ली थी और भूषण के दोनों ट्वीट हटा दिये थे। 

खंडपीठ ने गत पांच अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ट्विटर पर भूषण की दो अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर महक माहेश्वरी ने याचिका दायर की थी, जिस पर न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गत नौ जुलाई को अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया था और 22 जुलाई को उन्हें नोटिस जारी किया था। भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। वह कोविड-19 महामारी में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा से जुड़ी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के फैसलों के खिलाफ काफी मुखर रहे और उनकी तीखी आलोचना करते रहे। यह मामला 27 जून के उस ट्वीट से जुड़ा है जिसमें भूषण ने लिखा था,  'जब भविष्य में इतिहासकार यह देखने के लिए पिछले छह साल पर नजर डालेंगे कि कैसे आपातकाल की औपचारिक घोषणा के बिना भारत में लोकतंत्र को कुचल दिया गया तो वे इस बर्बादी में शीर्ष अदालत की भूमिका का विशेष जिक्र करेंगे और खासकर पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका का।' 

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