अदिति सिंह का नाम आजकल सुर्खियों में ज़्यादा है। जब से कांग्रेस मजदूरों के नाम पर बस पोलिटिक्स कर रही है तब से ही कांग्रेस विधायक अदिति सिंह राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं, अदिति सिंह ने पार्टी के खिलाफ होकर प्रियंका गांधी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया और फिर पार्टी हाईकमान ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
कांग्रेस ने अदिति सिंह को निलंबित कर ये सोच रही है कि उसने कोई बहुत बड़ा तीर मार लिया है, तो इससे हास्यास्पद कुछ नहीं होगा। यदि पिछले वर्ष लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश मात्र एक सीट से अपनी इज्जत बचाने में सफल हुई थी, तो इसका प्रमुख कारण था रायबरेली में अदिति सिंह का प्रभाव।
लेकिन अदिति सिंह रायबरेली की राजनीति में इतना अहम स्थान क्यों रखती हैं, और क्यों इन्हें निलंबित करके कांग्रेस ने एक अक्षम्य भूल की है? यूं तो अदिति सिंह खुद एक वंशवादी राजनेता हैं, परन्तु रायबरेली में वे बहुत लोकप्रिय हैं। उनके पिता अखिलेश सिंह का विवादों के साथ भले चोली दामन का रिश्ता रहा हो, परन्तु वे पांच बार रायबरेली से विधायक रहे हैं।