नई दिल्ली। सरकार दक्षिण एशियाई देशों के छात्रों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में पीएचडी के लिए दाखिले वास्ते एक हज़ार फैलोशिप देगी। ये फैलोशिप पांच वर्ष के दौरान तीन चरणों में प्रदान की जाएंगी। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने आज यहां विदेश मंत्रालय में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में इस फैलोशिप का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर आसियान के दस सदस्य देशों के राजदूत, उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव और विदेश मंत्रालय में सचिव विजय सिंह ठाकुर मौजूद थीं। इस अवसर पर निशंक ने कहा कि देश के 23 आई आई टी में पीएचडी के दाखिले के लिए ये फेलोशिप इन देशों के छात्रों को दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस फेलोशिप कार्यक्रम पर 300 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे और एशिया ई देशों के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा शिक्षा कार्यक्रम है। उन्होंने आसियान देशों के राजदूतों से मुखातिब होकर कहा, ‘‘हम आपके बच्चों को हीरे की तरह तराश कर दे देंगे।’’ विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत एवं आसियान देशों के बीच संबंधों में ज्ञान एवं शिक्षा बुनियादी तत्व रहा है और आधुनिक युग में भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान का आदान प्रदान हमारे संबंधों को आगे ले जाएगा। उन्होंने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, लक्षित दवाएं, आधुनिक विनिर्माण प्रौद्योगिकी आदि में शोध एवं अनुसंधान में दोनों पक्ष मिल कर काम करेंगे।