29 Mar 2024, 20:23:15 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Sport

नौकरी के लिये दर दर की ठोकरें खा रहा है दिव्यांग क्रिकेटर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 8 2021 1:57PM | Updated Date: Sep 8 2021 2:03PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

लखनऊ। अपने प्रदर्शन से भारत को कई बार गौरवान्वित कर चुके भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के उपकप्तान लव वर्मा एक अदद नौकरी के लिये पिछले सात सालों से राजनेताओं और अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। लव वर्मा ने 2015 में टी-20 दिव्यांग एशिया कप विजेता बनाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी। श्रीलंका दौरे पर वह भारतीय टीम की जीत के नायक बने जिसके एवज में उन्हें मैन ऑफ दी सीरीज चुना गया। 
 
इसके अलावा बंगलादेश दौरे पर ट्राई सीरीज में लव के बेहतरीन प्रदर्शन से भारत संयुक्त विजेता बना था। लव की कप्तानी में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने 2019 में नेपाल के खिलाफ 131 रनों से जीत दर्ज की थी। इसी साल अप्रैल में दुबई के शारजाह में पहली बार दिव्यांग प्रीमियर लीग आयोजन हुआ जिसमें लव ने कोलकाता की टीम को उपविजेता बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्हे स्वर्ण भारत राष्ट्रीय खेल रत्न, दिव्यांग रत्न, दिव्यांग खेल रत्न सोनभद्र खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।
 
सोनभद्र के अनपरा में जन्मे 29 साल के लव बुझे मन से कहते हैं कि खेल और खिलाड़ियों के लिये समर्पित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में एक अदद नौकरी के लिये एड़यिां घिसना स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला है लेकिन मजबूरी है क्योंकि पिता अनपरा तापीय परियोजना में कार्यरत थे जो पिछली 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो चुके है और अपने पैतृक जिले कुशीनगर लौट रहे हैं। पिता की सरपरस्ती में कम से कम यहां रहने का ठिकाना था जो अब वह भी नहीं रहेगा। दो वक्त की रोटी के लिये अब उनके सामने भीख मांगने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है।
 
उन्होने कहा कि वह हिन्दी से परास्रातक हैं, साथ ही ट्रिपल सी का सार्टिफिकेट है। दिव्यांग कोटे अथवा खिलाड़ी कोटे से वह सम्मानजनक नौकरी के हकदार है। इसके लिये वह स्थानीय विधायक और सांसद से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक से गुहार लगा चुके है मगर आज तक उन्हे कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। स्पोर्टस कोटे के तहत दायें हाथ से 60 फीसदी विकलांगता के आधार उन्हे सामान्य खिलडियों के समान अधिकार मिलना चाहिये।
 
वह खेलमंत्री उपेन्द्र तिवारी,बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी,अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के अलावा स्थानीय सांसद पकौड़ी लाल,सदर विधायक उपेन्द्र चौबे,ओबरा विधायक संतीव गौड़ से नौकरी के संबंध में गुहार लगा चुके है। श्रीमती पटेल ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उन्हे न्याय दिलाने की मांग की थी। हालांकि मुख्यमंत्री से कई बार मिलने की कोशिश की मगर अब तक कामयाबी नहीं मिली है। सोनभद्र के तत्कालीन डीएम एस राजलिंगम ने उनके मामले में गंभीर रवैया अपनाते हुये सीडीओ को पत्र जारी किया था और सोनभद्र में स्थित अधिकतर कंपनियों से उनकी पैरवी की। अनपरा तापीय परियोजना की कार्रवाई करते हुये शक्ति भवन पत्र भेजा मगर कोई कार्रवाई नहीं हुयी। इससे पहले मायावती और अखिलेश सरकार ने विशेषाधिकार के तहत राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाडियों को नौकरी उपलब्ध करायी मगर विकलांग खिलाड़यिों के लिये कुछ नहीं किया।
 
युवा क्रिकेटर ने कहा ‘‘ मान-सम्मान से रोजी रोटी नहीं चलती। हमने कभी भी पैसों की माँग कभी नहीं की। सिर्फ पेट पालने के लिए प्रदेश के किसी भी जिले के किसी भी विभाग में खेल/दिव्यांग कोटे के तहत रोजगार की मांग की जिससे कि रोजी रोटी भी चलती रहे, खेल पर भी ध्यान रहे और हम अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे । हमारा कसूर सिर्फ इतना ही है कि हम दिव्यांग है, क्या ‘दिव्यांग’ शब्द से रोजी रोटी चलेगी। प्रधानमंत्री ने ‘दिव्यांग’ शब्द दिया जिसका अर्थ ‘दिव्य शक्ति, अद्भुत शक्ति एवं इस समाज के विशेष व्यक्ति’ मगर मेरे लिये अब यह सिर्फ किताबी शब्द बनकर रह गया है।’’       
 
लव ने कहा ‘‘मेरा छोटा सा सवाल है कि यदि हम दिव्यांगों में इतनी प्रतिभा है तो फिर भी हमें सामान्य खिलाड़ियों से नीचे क्यों रखा गया है। दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी भी देश के लिए ही खेलते हैं। योगी सरकार ने ओलंपिक खिलाड़यिों के सम्मान में लखनऊ में एक भव्य समारोह किया जिसमे प्रत्येक जिले से 75 खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया। हमारे गुरुजन ने सदैव यही शिक्षा दी है कि सम्मान मांगा नहीं जाता है उसके लिए काबिल बनना पड़ता है। सम्मान के लिए ईमानदारी से मेहनत करनी होती है तब जाकर सम्मान प्राप्त होता है। सरकारें खिलाड़यिों को ‘ ए’ ग्रेड नौकरी दे रही है मगर मुझे  सात वर्षों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।’’         
 
दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के सीईओ गज़ल खान और महासचिव हारून राशीद ने बताया कि लव वर्मा एक होनहार क्रिकेटर है जिसने कई मौकों पर देश का मान सम्मान बढाया है। उसे उसका बाजिव हक मिलना ही चाहिये। मुख्यमंत्री को इस दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी को भी उसका अधिकार देना चाहिए। मुख्यमंत्री इस दिव्यांग क्रिकेटर को रोजगार दे देंगे तो उसे पेट भरने के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन करके भारत का नाम बुलंदियों पर ले जाता रहेगा ।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »