खेल। भारत के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) आए दिन किसी न किसी कारण विवादों में रहते हैं। अक्सर अपने ट्वीट के कारण उन्हें आलोचकों का शिकार होना पड़ता है। दरअसल टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत की पुरुष हॉकी टीम (India Men's Hockey team) के कांस्य पदक (bronze Medal) जीतने पर पूरे देश ने हॉकी टीम का हौसला बढ़ाया। सभी ने टीम की जमकर तारीफ की। लेकिन गौतम गंभीर ने कुछ ऐसा कह दिया कि बाद में हंगामा मचना लाजमी था।
ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मुकाबले में जर्मनी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके बाद पूरी हॉकी टीम की देशभर में काफी तारीफ हुई। इस क्रम में गौतम गंभीर ने भी हॉकी टीम को बधाई दी। लेकिन उन्होंने भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत को क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983, 2007 और 2011 से बड़ा बता दिया। फिर क्या था सोशल मीडिया पर वह ट्रोल होने लगे। यूजर्स का कहना था किसी खेल को नीचा नहीं दिखाना सही नहीं है।
फिलहाल, गौतम गंभीर ने अपने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने आखिर ऐसा क्यों कहा था। गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जब मैं अपने दिमाग से बोलता हूं तो वो बातें बेरहम होती हैं लेकिन जब मैं अपने दिल से कुछ करता हूं तो अल्हड़ लगती हैं। इसी के बाद से लोगों ने उन्हें एक बार फिर ट्रोल करना शुरु कर दिया।
गंभीर ने दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि गौतम ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम को उनकी जीत पर बधाई देते हुए लिखा था कि 1983, 2007 और 2011 हो, हॉकी में लाया गया पदक क्रिकेट के किसी भी वर्ल्ड कप से बड़ी बात है।