जोहानिसबर्ग। कोविड़-19 के तेजी से फैलते संक्रमण का असर सम्पूर्ण विश्व पर पड़ रहा है खेल जगत इससे परे नही है इस बीच दक्षिण अफ्रीका के खेलमंत्री नाथी मथेवा ने कहा कि क्रिकेट सरकारी दखल के बिना होना चाहिए और उन्होंने उस घोषणा को भी वापस ले लिया, जिससे राष्ट्रीय टीमें और उनके दौरे खतरे में पड़ सकते थे। बीच में साउथ अफ्रीका की टीम के कप्तानों ने भी इस बात को उजागर किया था कि बोर्ड और सरकार के बीच अगर मसले हल नहीं हुए तो वे भारत में होने वाले टी20 विश्व कप में शायद ही खेल पाएंगे।
साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री नाथी मथेवा ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "हमने काफी कुछ सीखा है और अब सरकार को इससे अलग हो जाना चाहिए। खेलों में सरकारी दखल नहीं होना चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि किसी भी अच्छी चीज के लिए संघर्ष जरूरी है।" साउथ अफ्रीका के लिए ये किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है। मथेवा ने पिछले साल अंतरिम बोर्ड की नियुक्ति की थी और समूचे पिछले बोर्ड को या तो बर्खास्त कर दिया गया था या उसने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने गुरुवार को राष्ट्रीय खेल और मनोरंजन अधिनियम के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया, जिससे दक्षिण अफ्रीका में कोई क्रिकेट इकाई नहीं रह जाती। इससे राष्ट्रीय टीमों का दर्जा और भावी दौरे खतरे में पड़ सकते थे।
इसके कुछ घंटे बाद ही हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विभाग को इसे वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं। सीएसए के नए बोर्ड में 15 निदेशक होंगे, जो दो साल बाद घटकर 13 हो जाएंगे। आठ स्वतंत्र निदेशक होंगे, जिन्हें स्वतंत्र पैनल नामित करेगा। सदस्यों की परिषद पांच गैर स्वतंत्र निदेशकों को चुनेगी। सीएसए बोर्ड का अध्यक्ष आठ स्वतंत्र निदेशकों में से एक होगा। एक समय ऐसा लग रहा था कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी कहीं साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड की सदस्यता न रद कर दे, लेकिन अब ये संकट टल गया है।