दुबई। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स और विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम शनिवार को आईपीएल मुकाबले में वापसी के लिए उतरेंगे। चेन्नई को पिछले मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों 10 रन से जबकि बेंगलुरु को दिल्ली कैपिटल्स ने 59 रन से पराजित किया था। दोनों टीमें पिछली हार को भुलाकर जीत की राह पर आगे बढ़ने के इरादे से उतरेंगे। चेन्नई के छह मैचों में दो जीत और चार हार के साथ चार अंक है और वह अंक तालिका में छठे स्थान पर है जबकि बेंगलुरु की टीम पांच मुकाबलों में दो जीत, तीन हार के साथ चार अंक लेकर सातवें स्थान पर है।
चेन्नई ने कोलकाता के खिलाफ सधी हुई गेंदबाजी की थी और उसे 167 रन के स्कोर पर रोक दिया था। लेकिन बल्लेबाजी में वह कमाल नहीं दिखा सकी थी जिस कारण उसे हार का सामना करना पड़ा था। चेन्नई की ओर से सिर्फ शेन वॉटसन (50) ही बड़ी पारी खेलने में कामयाब रहे थे। उनके अलावा अंबाटी रायुडू ने 30 रन का योगदान दिया था। अन्य बल्लेबाजों के निराशाजन प्रदर्शन के कारण चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा था। कप्तान धोनी के लिए रन बनाना बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि उनके लगातार फ्लॉप रहने से टीम का मध्यक्रम कमजोर पद रहा है और पिछले मैच में चेन्नई की हार का यह सबसे बड़ा कारण रहा था।
चेन्नई को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की जरुरत है। प्रत्येक मैच में उसका बल्लेबाजी क्रम अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है। फॉफ डू प्लेसिस और वॉटसन को बेंगलुरु को मजबूत शुरुआत दिलानी होगी जिससे मध्यक्रम पर दबाव कम पड़ सके। मध्यक्रम में रायुडू, सैम करेन और खुद धोनी को जिम्मेदारी संभालनी होगी। धोनी को भी अपने प्रदर्शन से टीम का हौसला बढ़ाना होगा। धोनी छह मैचों में अबतक अपने प्रदर्शन से प्रेरित करने में नाकाम रहे हैं। उनकी टीम को उनसे काफी उम्मीदें हैं और समय रहते धोनी को अपनी क्षमता के अनुकूल प्रदर्शन करना होगा।
चेन्नई के पास अब वापसी के लिए ज्यादा समय नहीं है और उसे गलतियों से सीख लेकर जल्द वापसी के बारे में सोचना होगा। चेन्नई और बेंगलुरु के पास स्टार खिलाड़ी हैं और दोनों ही टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बैचेन हैं। बेंगलुरु को भी अपनी कमियों को ढूंढना होगा और अपनी बल्लेबाजी पर खासा ध्यान केंद्रित करना होगा।
दिल्ली के खिलाफ उसकी बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही थी। हालांकि कप्तान विराट अपनी फॉर्म हासिल करने में कुछ हद तक सफल रहे थे और उन्होंने सर्वाधिक 43 रन बनाए थे। लेकिन वह अपनी टीम को मैच नहीं जिता सके थे। इस मुकाबले में भले ही बेंगलुरु का पलड़ा भारी है लेकिन विराट के लड़ाकों को चेन्नई के अनुभवी खिलाड़ियों को कम आंकने की भूल करने से बचना होगा। दोनों टीमों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर मनोबल ऊंचा रखने की जरुरत है।