मुंबई। घरेलू क्रिकेट के दिग्गज ऑलराउंडर रजत भाटिया ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। 40 साल के रजत भाटिया अब बायोमैकेनिक्स में अपना करियर बनाएंगे। रजत भाटिया ने उत्तराखंड के लिए 2018-19 में आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लिया था। 2019-20 के रणजी सीजन में रजत भाटिया को टीम में जगह नहीं दी गई है। 2017 के बाद से रजत भाटिया ने आईपीएल भी नहीं खेला है। भाटिया ने करीब 20 साल तक घरेलू क्रिकेट खेला।
दिल्ली में जन्में भाटिया ने अपने घरेलू सफर की शुरुआत तमिलनाडु से की। दो सीजन तक वहां खेलने के बाद होम टीम ने उन्हें चुना। साल 2015 तक वह दिल्ली के लिए खेले। इसके बाद राजस्थान और उत्तराखंड का रुख किया। उन्होंने कुल 112 रणजी मुकाबले खेले जिसमें से 81 उन्होंने दिल्ली के लिए ही खेले। अपने रणजी करियर में भाटिया ने 6482 रन बनाए और 137 विकेट लिए। इसमें से दिल्ली के लिए 4666 रन और 96 विकेट शामिल रहे।
घरेलू क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वह कभी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बना पाए। गेंद और बल्ले दोनों से भाटिया ने लगातार अच्छा खेल दिखाया। साल 2007 में जब दिल्ली ने रणजी ट्रोफी का खिताब जीता तो भाटिया की उसमें अहम भूमिका थी। यह 1991-92 के बाद पहला मौका था जब दिल्ली रणजी चैंपियन बनी थी। 2007 के सीजन में भाटिया ने सात मुकाबलों में 512 रन बनाए थे। भाटिया स्लो मीडियम गेंदबाजी करते थे। उन्होंने आईपीएल मे भी अपना जौहर दिखाया। 2008 से 2017 तक हर सीजन में वह इस प्रतिष्ठित लीग में नजर आए।