कोरोना वायरस की वजह से सभी क्रिकेट टूर्नामेंट्स पर ब्रेक लगा हुआ है। आईपीएल 2020 को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा चुका है। इसी साल अक्टूबर में होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ी घर में अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं, लेकिन इस बीच खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिये अपने फैन्स के साथ जुड़े हुए हैं।
इसी कड़ी में कमेंटेटर आकाश चोपड़ा और अनुभवी भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने सोशल मीडिया पर बात की और कई यादगार किस्से शेयर किए। इस दौरान रैना ने बताया कि किस कतरह 2011 के वर्ल्ड कप में धोनी का उदास चेहरा देखकर उन्हें जीतने की प्रेरणा मिली थी। सुरेश रैना ने आकाश चोपड़ा के साथ 2011 की यादगार वर्ल्ड कप जीत की कई यादें साझा की। रैना ने बताया कि किस तरह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल मैच में धोनी के उदास चेहरे ने उन्हें प्रेरित किया था। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2011 विश्व कप का दूसरे क्वार्टर फाइनल अहमदाबाद में खेल गया था।
धोनी का दुखी चेहरा देख कर लिया था फैसला
उन्होंने आगे बताया, 'जब मैं बल्लेबाजी के लिए जा रहा था, तब धोनी आउट होकर पवेलियन को लौट रहे थे। मैंने उनका उदास चेहरा देखा और उसी पल मैंने फैसला कर लिया। मैं इस मौके को नहीं गंवाऊंगा और किसी भी कीमत पर इस मैच को जीतूंगा। ऑस्ट्रेलिया ने आक्रमण से ऑफ स्पिनरों को हटा दिया और वे हमारे लिए एकमात्र खतरा थे। जब मैंने ब्रेट ली की गेंद पर छक्का मारा, उसके बाद मुझे जीत का यकीन हो गया और यही बात हमारे फेवर में रही।'
इस मैच में 14 गेंदें शेष रहते भारत ने 5 विकेट से जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद भारत ने वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ हुआ। पाकिस्तान को मात देकर भारत ने फाइनल में अपनी जगह बनाई। फाइनल मैच में श्रीलंका को हराकर भारत ने 28 साल बाद एक बार फिर से विश्कप खिताब अपने नाम किया।