चेन्नई। भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज कृष्णामाचारी श्रीकांत का कहना है कि मौजूदा समय में बॉउंड्री छोटी होने से बल्लेबाजों का काम पहले की तुलना में आसान हो गया है। भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक और 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य श्रीकांत का मानना है कि उनके समय में बाउंड्री 80-90 मीटर की होती थी और बड़े शॉट मारने में मेहनत लगती थी लेकिन अब बल्लेबाज आसानी से बाउंड्री लगा सकते हैं क्योंकि बॉउंड्री छोटी हो गयी हैं।
श्रीकांत ने भारत के लिए 43 टेस्ट और 146 वनडे खेले थे। भारत के पूर्व कप्तान और सीनियर चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीकांत ने स्टार स्पोटर्स के तमिल शो क्रिकेट कनेक्टेड में कहा, ‘‘गेंद और बल्ले के बीच प्रतिस्पर्धा अच्छी है और आप किसी भी प्रारुप में ऐसा कर सकते हैं। 2019 विश्वकप इसका ताजा उदाहरण है। हमारे समय में बाउंड्री 80 से 90 मीटर की होती थी लेकिन अब 70 से 75 मीटर होती है जिससे बल्लेबाजों के लिए काम आसान हो गया है।’’