नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे सुरेश रैना का मानना है कि उनके साथ चयनकर्ताओं ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। रैना का कहना है कि टीम इंडिया के सिल्केटर का रुख उनके प्रति काफी कठोर रहा. लेकिन वहीं अब टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रहे एमएसके प्रसाद ने इस पर अपना रुख साफ किया है।
एमएसके प्रसाद का कहना है कि साल 2018-19 में सुरेश रैना का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन काफी निम्न स्तर का रहा जिसके चलते उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। सुरेश रैना बीते काफी समय में से टीम इंडिया के लिए नहीं खेले हैं। 33 वर्षीय रैना भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। भारत के लिए आखिरी बार साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर खेल खेले थे। जिसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। बीते साल उन्हें नीदरलैंड्स में अपने घुटने की सर्जरी कराई और टीम इंडिया में वापसी की बाट जोह रहे हैं। रैना आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं।
लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते आईपीएल को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पूर्व चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने कहा, साल 1999 में वीवीएस लक्ष्मण के टीम से ड्रॉप किया गया, इसके बाद टीम में वापस आने के लिए उन्होंने घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन किया। लक्ष्मण ने उस साल घरेलू क्रिकेट में 1400 रन बनाए। जब सीनियर क्रिकेटरों को टीम से बाहर किया जाता है तो उनसे उम्मीद की जाती है कि वे ऐसा ही प्रदर्शन करें।
एमएसके प्रसाद को सुरेश रैना के उस बयान पर भी ताज्जुब हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके क्रिकेट करियर के लिए चयनकर्ता ज्यादा जिम्मेदार हैं। सुरेश रैना बीते साल 2018-19 के सत्र में 5 रणजी ट्रॉफी मैचों में 2 अर्धशतकों के जरिए सिर्फ 243 रन ही बना पाए। जबकि आईपीएल में सीएसके के लिए खेलने वाले रैना का प्रदर्शन बेहत औसत रहा। इस साल रैना ने आईपीएल में 17 मैचों सिर्फ 383 रन बनाए. उनके इस प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया में उनकी वापसी की राह मुश्किल हो गई।