मुंबई। पूर्व क्रिकेटर और अब सांसद गौतम गंभीर का मानना है कि भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा सीमित ओवर के बेहतरीन खिलाड़यिों में एक हैं और उनके इस सफल करियर का श्रेय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को जाता है। रोहित ने वर्ष 2007 में पदार्पण किया था लेकिन धोनी की कप्तानी में 2013 में उन्हें सलामी बल्लेबाज के रुप में मौका मिला जिसके बाद उनका करियर लगातार बढ़ता चला गया। गंभीर ने स्पोटर्स तक से कहा,‘‘रोहित आज जो कुछ भी हैं वो धोनी के कारण हैं।
धोनी की एक बात अच्छी थी वह चर्चा के दौरान हमेशा रोहित को शामिल रखते थे। यहां तक कि रोहित के टीम में शामिल नहीं रहने के बावजूद वह चर्चा में शामिल रहते थे। धोनी कभी उन्हें अलग नहीं करते थे।’’गंभीर ने कहा,‘‘कप्तान के समर्थन से ही एक खिलाड़ी का करियर बनता या बिगड़ता है। आप चयनकर्ता और टीम प्रबंधन की बात कर सकते हैं लेकिन अगर आपके पास कप्तान का समर्थन नहीं है तो बाकी चीजें व्यर्थ है।’’ उन्होंने कहा,‘‘सभी चीजें कप्तान के हाथ में होती हैं।
धोनी ने जिस तरह रोहित का समर्थन किया है वैसा मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य खिलाड़ी को ऐसा समर्थन कप्तान से मिला है।’’ गंभीर का मानना है कि धोनी के समर्थन के कारण ही रोहित वनडे में तीन दोहरा शतक लगा पाए और विश्वकप में विश्व रिकॉर्ड पांच शतक जड़ पाए। ओपनर के तौर पर खेलने के बाद से ही रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी प्रतिभा साबित की है। गंभीर ने कहा,‘‘रोहित इस बात के जीते जागते उदाहरण है कि अगर खिलाड़ी को सीनियर खिलाड़ी का मार्गदर्शन मिले तो वह अपनी प्रतिभा का कैसे इस्तेमाल कर सकता है।
मैं उम्मीद करता हूं कि इस पीढ़ी के खिलाड़ी चाहे शुभमन गिल हो या संजू सैमसन उन्हें भी इस तरह का समर्थन मिलेगा।’’गंभीर ने कहा,‘‘अब जब रोहित खुद एक सीनियर खिलाड़ी बन चुके हैं तो मैं उनसे उम्मीद करुंगा कि वह युवा खिलाड़यिों का मार्गदर्शन करें। मैं विराट कोहली और रोहित से उम्मीद करूंगा कि वे वैसे ही युवा खिलाड़यिों का साथ दें जैसा धोनी ने उनका दिया था।’’