नई दिल्ली। क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर सहित विभिन्न राज्य क्रिकेट संघों ने वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस कोविड-19 से लड़ने के लिए आर्थिक मदद दी है लेकिन विश्व का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस सन्दर्भ में अभी तक कोई पहल नहीं की है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से भारत सहित पूरी दुनिया प्रभावित है और देश में अब तक इससे संक्रमितों की संख्या 724 पहुंच चुकी है जबकि 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत सरकार ने एहतियातन देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने प्रधानमंत्री राहत कोष औरÞ मुख्यमंत्री राहत कोष में 25-25 लाख रुपये की मदद दी है। सचिन ने इस कठिन दौर में मदद का हाथ आगे बढ़ाया और 50 लाख रूपये की राशि दान दी। सचिन कई चैरिटी कार्यों में भाग लेते रहे हैं और हमेशा कठिन दौर में लोगों की मदद करते आए हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले लोगों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की भी अपील की थी।
सचिन के अलावा पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पुणे के एनजीओ के जरिए एक लाख रुपये की मदद दी है। हालांकि इतनी कम मदद देने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा है। तेज गेंदबाज इरफान पठान और उनके भाई ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने बड़ौदा पुलिस को जरूरतमंदों में वितरित करने के लिए 4000 मास्क दिए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने एक चावल कंपनी की मदद से जरुरतमंदों को 50 लाख के चावल बांटने की घोषणा की है।
लेकिन बीसीसीआई की तरफ से किसी तरह की मदद की अभी तक कोई घोषणा नहीं की गयी है जबकि उसके कई क्रिकेट संघों ने मदद की घोषणा की है। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) ने प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में 21-21 लाख रुपये देने का फैसला किया। बीसीसीआई और एससीए के पूर्व सचिव ने निरंजन शाह ने यह घोषणा की है।
बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने पश्चिम बंगाल सरकार के आपातकालीन राहत कोष में अध्यक्ष अविषेक डालमिया के व्यक्तिगत तौर पर पांच लाख रुपये मिलाकर 25 लाख रुपये की मदद दी है। मुंबई क्रिकेट संघ ने 50 लाख रुपये दिए हैं जबकि राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गठित मुख्यमंन्त्री राहत कोष में 11 लाख रूपये देने की घोषणा की है।