भोपाल। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और घरेलू क्रिकेट के सबसे सफल कोचों में से एक चंद्रकांत पंडित विदर्भ का साथ छोड़कर नए 2020-21 सत्र में मध्य प्रदेश के कोच बनेंगे। पंडित के कोच रहते विदर्भ ने 2017-18 और 2018-19 में क्रमश: रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी के खिताब जीते थे। पंडित ने इससे पहले मुंबई को भी रणजी चैंपियन बनाया था। पंडित महाराष्ट्र और केरल टीमों के भी कोच रह चुके हैं। पंडित ने कहा, मेरी विदर्भ के साथ सुखद यादें जुड़ी हुई हैं और मुझे विदर्भ क्रिकेट संघ से काफी समर्थन मिला था लेकिन अब नयी चुनौतियों के साथ आगे बढ़ने का समय है।
पंडित ने कहा, मैंने विदर्भ को तीन साल तक कोचिंग दी और मैं सामान्यत: किसी टीम को दो या तीन साल तक कोचिंग देता हूं। लेकिन अब नयी चुनौतियों को देखने का समय है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि मैं विदर्भ के साथ खुश था और विदर्भ के साथ गुजारा गया समय मुझे हमेशा याद रहेगा।
उन्होंने कहा, मैं मध्य प्रदेश के लिए छह वर्षों तक खेला था और जब उन्होंने मुझसे संपर्क किया तो मैंने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। मध्य प्रदेश को पिछले सत्र में कोच अब्बास अली, बल्लेबाजी कोच देवेंद्र बुंदेला और गेंदबाजी कोच हरविंदर सिंह सोढी ने कोचिंग दी थी। सोढी ने टीम मैनेजर की भूमिका भी निभायी थी।
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने यह पुष्टि करते हुए बताया कि पंडित को अगले सत्र के लिए मध्य प्रदेश का कोच बनाने के लिए पत्र दे दिया गया है। लेकिन कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों और लॉकडाउन के कारण पंडित अभी तक अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए हैं।
विदर्भ दो बार रणजी खिताब जीतने के बाद इस सत्र में उतरी थी लेकिन ग्रुप ए और बी की तालिका में सातवें स्थान पर रही थी। ग्रुप ए और बी से शीर्ष पांच टीमों ने क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी। पंडित के कोच पद छोड़ने से पहले विदर्भ के लिए खेलने वाले अनुभवी बल्लेबाज वसीम जाफर ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी।