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SBI की चेतावनी: किसी भी Link पर Click करने से पहले सोचें, हो सकता है बड़ा नुकसान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 18 2021 4:10PM | Updated Date: Oct 18 2021 4:10PM
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नई दिल्‍ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को चेतावनी दी है। ग्राहकों को आगाह करते हुए SBI ने कहा है कि किसी भी अनजान बिना जाने-पहचाने सोर्स वाले लिंक पर क्लिक करने से पहले कई बार सोच लें। यह आपको भारी नुकसान में डाल सकता है। स्टेट बैंक के मुताबिक इस तरह के अनजाने लिंक फिशिंग अटैक को बुलावा दे सकते हैं। इस तरह के लिंक किसी प्रलोभन देने वाले मैसेज में हो सकते हैं। हो सकता है मैसेज में लिखा हो कि फलां बैंक से आपको एक गिफ्ट मिला है। अगर ऐसा कोई मैसेज मिलता है तो भूल कर भी उसे न खोलें और उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। यह आपकी गाढ़ी कमाई के खिलाफ बड़ी साजिश हो सकती है और झटके में आपकी कमाई गलत हाथों में जा सकती है। ऐसी वारदात आजकल खूब देखने और सुनने में आ रही हैं।
 
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ग्राहकों को इन सुरक्षा खतरों के बारे में सचेत किया है। ट्वीट में कहा गया है: “क्या आप इन लिंक को अपने इनबॉक्स में प्राप्त कर रहे हैं? स्टीयर क्लियर! इन फ़िशिंग लिंक पर क्लिक करने से आपकी व्यक्तिगत और सीक्रेट जानकारी गलत हाथों में जा सकती है। सतर्क रहें। क्लिक करने से पहले सोचें।”
 
फ़िशिंग हमले करने वाले फ्रॉडस्टर अकसर ग्राहकों के व्यक्तिगत पहचान के डेटा और बैंकों से जुड़ी जानकारी को चुराने के लिए सोशल इंजीनियरिंग और टेक्निकल फ्रॉड दोनों का इस्तेमाल करते हैं। एसबीआई ग्राहकों को नीचे दी गई प्रक्रिया के बारे में जानना चाहिए जिसके द्वारा फ़िशिंग हमले होते हैं। अगर ग्राहक इन जानकारियों को अमल में ले और उस पर गौर करे तो फिशिंग अटैक से बचा जा सकता है। इंटरनेट बैंकिंग यूजर को फ्रॉड ई-मेल मिलते हैं जिसे देखकर ऐसा लगता है कि किसी वैध इंटरनेट एड्रेस से भेजा गया होमेल या मैसेज में यूजर को हाइपरलिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है।
 
यूजर जैसे ही हाइपरलिंक पर क्लिक करता है उसे एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है। यह साइट किसी सही इंटरनेट बैंकिंग साइट की तरह दिखती है। ई-मेल में या तो यूजर को किसी गिफ्ट आदि का प्रलोभन दिया जाता है या चेतावनी दी जाती है कि आपका केवाईसी बंद हो जाएगा, खाता बंद हो जाएगा, आदि। इसी बिनाह पर यूजर से उसकी पर्सनल और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है। लॉगिन, प्रोफाइल, ट्रांजेक्शन, पासवर्ड और बैंक अकाउंट, पिन आदि की जानकारी मांगी जा सकती है। यूजर प्रलोभन में आ जाता है या खाता बंद होने के डर से जरूरी जानकारी दे बैठता है। अंत में सबमिट का बटन भी दबा देता है।
 
किसी अज्ञात स्रोत से ई-मेल के माध्यम से आए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। इसमें खतरनाक कोड हो सकता है या ‘फ़िशिंग हमला’ हो सकता है। पॉप-अप विंडो के रूप में सामने आए पेज पर किसी को भी कोई जानकारी नहीं देनी चाहिए। बैंक ग्राहकों को यह बात याद रखनी चाहिए कि पासवर्ड, पिन, टिन आदि जैसी जानकारी पूरी तरह से सीक्रेट होती है और बैंक के कर्मचारियों/सेवा कर्मियों को भी इसकी जानकारी नहीं होती है। इसलिए मांगे जाने पर भी ऐसी जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए।
 
SBI ने अपने ग्राहकों की जरूरतों और मांगों को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट बैंकिंग सेवा को 15 अलग-अलग भाषाओं में जारी किया है। देश में भाषाई विविधता को तरह-तरह की बोली को देखते हुए यह सर्विस जारी की गई है। SBI  ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी है। बैंक के मुताबिक ग्राहक www.onlinesbi.com पर ग्राहक अब 15 भाषाओं में इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा ले सकेंगे। हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, बांग्ला, मराठी, उड़िया, कोंकणी, तमिल, तेलुगु, मलयालम सहित कुल 15 भाषाएं शामिल की गई हैं। ग्राहक अपनी भाषा पर क्लिक करने के बाद उसी के हिसाब से पूरी डिटेल ले सकेंगे और उसी भाषा में बैंकिंग का काम संपन्न कर सकेंगे।
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