नई दिल्ली। इस साल भारत में आया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 81।7 बिलियन डॉलर यानी 60 खरब रुपये से ज्यादा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल FDI में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। और यह एक वित्तीय वर्ष में आया अब तक का सबसे ज्यादा FDI है। भारत को मिले रिकॉर्ड विदेशी निवेश पर भारत सरकार का कहना है, "एफडीआई पॉलिसी में सुधार, निवेश के लिए सुविधाएं देने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मोर्चों पर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों ने देश में आने वाले एफडीआई को बढ़ाया है।"
जानकारों के मुताबिक भारत जैसे विकासशील देशों में उद्योग-धंधे बढ़ाने और नौकरियां पैदा करने में एफडीआई का अहम रोल होता है। इससे देश के बुनियादी ढांचे का विकास भी होता है। हालांकि अब तक एफडीआई और नौकरियों के बीच सीधा संबंध नहीं बिठाया जा सका है। कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर स्वप्नमयी पी पाटिल कहती हैं, "एफडीआई और नौकरियों के बीच संबंध जानने के लिए की गई रिसर्च में पाया गया है कि इनके बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता।" यानी ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इतना एफडीआई आने पर इतनी नौकरियां पैदा होंगी। लेकिन इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर नौकरियां जरूर पैदा होती हैं। प्रोफेसर पाटिल कहती हैं, "नौकरियों की संख्या देश के आकार और इस तथ्य पर निर्भर करती हैं कि इंवेस्टमेंट किस क्षेत्र में आ रहा है।"