रायपुर। सार्वजनिक उपक्रमों और संस्थानों को लेकर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम और संस्थान देश की ताकत है। इन संस्थाओं की स्थापना देश के विकास को गति देने के लिए की गई थी। समय के साथ देश के विकास में इन संस्थाओं ने अपनी भूमिका साबित भी की। इससे कृषि, उद्योग, व्यापार सहित कई क्षेत्रों में विकास हुआ है। ऐसे महत्वपूर्ण उपक्रमों और संस्थाओं का निजीकरण देशहित में नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार इसका विरोध करती है और बैंक अधिकारियों के साथ ‘बैंक बचाओ देश बचाओ’ अभियान के समर्थन में उनके साथ खड़ी है।
रविवार को रायपुर में मोदी सरकार पर तंज कसते हुए मंत्री चौबे ने कहा कि आखिर बैंकों का निजीकरण कर किसको लाभ दिलाना चाहते हैं? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चंद पूंजीपतियों को लाभ दिलाने के लिए बैंकों का निजीकरण करने का षड़यंत्र किया जा रहा है। बैंकों के निजीकरण का कांग्रेस पार्टी संसद में भी विरोध करेगी। चौबे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण भी देश को आगे बढ़ाने के लिए किया था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार द्वारा महत्वपूर्ण उपक्रमों और संस्थाओं को निजीकरण की राह में धकेला जा रहा है। जो काम इस देश में अंग्रेजों ने नहीं किया, वो काम मोदी सरकार कर रही है। मंत्री चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार बैंक अधिकारियों के साथ ‘बैंक बचाओ देश बचाओ’ अभियान के समर्थन में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि देश में एयर इंडिया, डाक, रेलवे और बैंक जैसी संस्थाओं पर निजीकरण का खतरा मंडरा रहा है। निजीकरण को लेकर अनेक सवाल भी खड़े हो रहे हैं। मोदी सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा बैंकों का भी निजीकरण करने जा रही है, जो चिंता की बात है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ (भोपाल वृत्त) रायपुर के आंचलिक अधिवेशन में भी केंद्र पर बरसे।