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मोदी सरकार का एक राष्ट्र-एक बाजार अध्यादेश किसानों के लिए अहितकारी : भूपेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2020 12:11AM | Updated Date: Sep 19 2020 12:11AM
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी सरकार के एक राष्ट्र-एक बाजार अध्यादेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है। बघेल ने आज वीड़ियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले को 332.64 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इससे मंडी का ढांचा खत्म होगा, जो किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए लाभप्रद नहीं है। अधिकांश कृषक लघु सीमांत है, इससे किसानों का शोषण बढ़ेगा। उनमें इतनी क्षमता नहीं कि राज्य के बाहर जाकर उपज बेच सके। किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिलेगा। 

उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए संशोधन से आवश्यक वस्तुओं के भंडारण एवं मूल्य वृद्धि के विरूद्ध कार्यवाही करने मे कठिनाई होगी। कान्ट्रैक्ट फार्मिग से निजी कंपनियों को फायदा होगा।सहकारिता में निजी क्षेत्र के प्रवेश से बहुराष्ट्रीय कंपनिया, बड़े उद्योगपति सहकारी संस्थाओं पर कब्जा कर लेंगे और किसानों का शोषण होगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने की।

बघेल ने कहा कि आज देश और दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। बहुत से देशों की राष्ट्रीय सरकारों ने किसानों, गरीबों और आपदा पीड़ितों के प्रति सहानुभूति का रवैया रखते हुए बीमारी के नियंत्रण में अच्छी सफलता हासिल की है। लेकिन हमारे देश ने जिस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक के तरीके से नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन किया गया, उससे लगातार हालत खराब होती गई और सबका मिला-जुला असर कोरोना काल में राष्ट्रीय आपदा के रूप में सामने आया है। यदि केन्द्र सरकार रचनात्मक और सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखती तो देश को आज जैसे दिन नहीं देखने पड़ते। 

उन्होने कहा कि हम पुरजोर तरीके से केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने दो मॉडल स्पष्ट हैं कि आपदा में जनसेवा के माध्यम से विश्वास जगाते हुए सबको साथ लेकर चलने वाला छत्तीसगढ़ी मॉडल और दूसरा आपदा को मनमानी करने का अवसर मानने वाला केन्द्र सरकार का मॉडल।उन्होने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि कोरोना आपदा के समय में केन्द्र सरकार द्वारा जो अध्यादेश लाए गए हैं, उसका बहुत बुरा असर होगा।

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