रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने समर्थन मूल्य पर धान खरीद के मामले में खाद्यमंत्री पर उनके प्रश्नों का सटीक जवाब नही देने का आरोप लगाते हुए कड़ा विरोध जताया और नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए, जिसके कारण 11 विधायक निलम्बित हो गए। इस कारण कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने प्रश्नोत्तरकाल में समर्थन मूल्य पर धान खरीद का मामला उठाते हुए पूछा कि 19 लाख 55 हजार 465 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन करवाया। उनके रकबे एवं राज्य शासन द्वारा प्रति एकड़ तय खरीद मात्रा के अनुसार 105 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होनी थी। गत 06 फरवरी तक केवल 33146 पंजीकृत किसानों ने ही पूरे रकबे का धान बेचा, तो शेष किसानों के धान की खरीद क्यों नही हुई।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि सरकार द्वारा 85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की तैयारी की थी, और तय तिथि 20 फरवरी तक 82 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई। उन्होने कहा कि शत प्रतिशत धान की खरीद कभी नही की गई। उन्होने पूरक प्रश्नों के उत्तर में बताया कि 20 फरवरी तक 45637 किसानों ने पूरे रकबे का धान बेचा। इस पर श्री शर्मा ने कहा कि इसका मतलब है कि 19 लाख किसानों के पूरे रकबे का धान नही खरीदा नही गया। मंत्री ने कहा कि निर्धारित तिथि तक जो किसान धान बेचने आए, उनका धान खरीदा गया। बेमौसम वर्षा आदि से धान खरीद बीच में बाधित हुई, जिसके कारण खरीद तिथि पांच दिन बढ़ाई गई। मुख्यमंत्री ने कल ही घोषणा किया हैं कि जिन किसानों को पूर्व में टोकन जारी हुआ है, उनका परीक्षण कर उनके धान की खरीद की जायेंगी। भाजपा सदस्य अजय चन्द्राकर ने पूछा कि किसानों के धान की पूरी खरीद नही होने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है, और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेंगी।
मंत्री के जबाव नही देने पर अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने हस्तक्षेप किया और मंत्री से कहा कि उन्हे इसकी जांच करवाने में क्या दिक्कत है। जांच करवाने की घोषणा कर दीजिए, पर मंत्री ने जांच की घोषणा नही की। विपक्ष के नेता धरम कौशिक ने कहा कि सरकार की पूरे धान खरीद की नियत ही कभी नही थी इसलिए उसने 105 लाख टन की बजाय 85 लाख टन खरीद की तैयारी की। उन्होने कहा कि सरकार की अव्यवस्था के चलते किसान धान नही बेच पाए। कौशिक पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं अन्य भाजपा विधायक इसके बाद नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए, जिसके बाद विधानसभा के नियमों के मुताबिक सभी 11 विधायक स्वमेंव निलम्बित हो गए। अध्यक्ष ने इसके साथ ही कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया।