मुंबई। छात्रों के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ 10वीं और 12वीं को माना जाता है। क्योंकि आगे की शिक्षा के लिए किस क्षेत्र में क्या करना है दसवीं के बाद छात्रों पर ऐसा प्रश्न उत्पन्न होता है। इसलिए दसवीं के बाद बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के महत्व को अधिक महत्व दिया जाता है। हालांकि देखने मे आया है कि बारहवीं कक्षा पास करने के बाद छात्र अक्सर निराश होते हैं और वे बहुत तनाव में चले जाते हैं।
इस तनाव के परिणामस्वरूप आत्महत्या के कई उदाहरण सामने आए हैं। इसलिए अब राज्य सरकार ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं का परिणाम अब 'नापास' नहीं होगा। नापास के बजाय अब स्कोर शीट का उल्लेख 'कौशल विकास' के रूप में किया जाएगा।
राज्य सरकार का इरादा- विदित हो कि 10वीं के परीक्षा परिणामों से 'नापस', 'अनुत्तीर्ण' और 'फेल' नाम तीन साल पहले ही निकाले जा चुके हैं। इसके बजाय इसे 'कौशल विकास के लिए पात्र' के रूप में उल्लिखित किया जाएगा। वहीं अब यह टिप्पणी 12वीं के परिणामों में भी देखने को मिलेगी। इसे लेकर राज्य सरकार का इरादा ऐसे छात्रों को रोजगार और स्वरोजगार प्रदान करके उन्हें रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।
ऑनलाइन पंजीकरण को सुविधा- जो छात्र दसवीं और बारहवीं कक्षा में तीन या अधिक विषयों में उत्तीर्ण नहीं हो पाएंगे, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इन छात्रों को महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी और महाराष्ट्र राज्य व्यवसाय प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इन छात्रों को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा होगी।