नई दिल्ली। कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये के मूल्य में सुधार के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 19 रुपये की मामूली गिरावट के साथ 46,826 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, इससे पहले शुक्रवार को सोना 46,845 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
हालांकि, चांदी 646 रुपये के लाभ के साथ 69,072 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई, जिसका पिछला बंद भाव 68,426 रुपये प्रति किलो था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,819 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 27.48 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।
इस संदर्भ में एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि, 'सोने की वैश्विक कीमत और रुपये के मूल्य में सुधार के अनुरूप दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 19 रुपये की गिरावट आई।' सोनवार को आरंभिक कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे मजबूत होकर 72.61 रुपये प्रति डॉलर हो गया।
अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव, बढ़ते कोरोना वायरस के मामले और इससे संबंधित प्रतिबंध, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मिश्रित आर्थिक डाटा और अतिरिक्त प्रोत्साहन उपायों से सोने और चांदी की कीमत में उतार-चढ़ाव आता है। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमत पर सबसे बड़ा कारक वैक्सीन के मोर्चे पर प्रगति है।
कोरोना के आर्थिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए साल 2020 में बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन से सोने को फायदा हुआ है। 2020 में यह 25 फीसदी बढ़ा है। महंगाई और मुद्रा में गिरावट के खिलाफ सोने को बचाव के रूप में देखा जाता है। चांदी की बात करें, तो इस दौरान इसमें 50 फीसदी की तेजी आई थी।
जनवरी 2011 से लेकर दिसंबर 2020 तक के आंकड़े देखें तो सोना रिटर्न के मामले में सेंसेक्स और चांदी दोनों पर भारी पड़ा है। सोने ने इस दशक में 151 फीसदी का रिटर्न दिया है। सोने ने 2011 में तो अच्छी बढ़त ली, लेकिन इसके बाद जनवरी 2012 से लेकर जून 2017 तक यह 28,000 के आसपास रहा। यानी साढ़े पांच साल तक इसने कोई रिटर्न नहीं दिया। सोने में दोबारा तेजी दिसंबर 2019 से आना शुरू हुई और इसने नया ऐतिहासिक स्तर बना लिया।