म्यूचुअल फंड फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए बेहतर विकल्प बन गए हैं। यहां शेयर बाजार की तुलना में रिस्क बहुत कम होता है और लंबी अवधि में रिटर्न मिलने की गारंटी होती है। नौकरी रहते अगर म्यूचुअल फंड में समझ के साथ निवेश किया जाए तो यह रिटायरमेंट के बाद आपकी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरी कर सकता है। इसके लिए पहले SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान और बाद में SWP यानी सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान लेकर चलना होगा। हम यहां आपको बता रहे हैं कि किस तरह से 20 साल तक हर महीने 10 हजार रुपये की मंथली एसआईपी करने पर अगले 20 साल तक आप हर महीने अपने लिए 70 हजार रुपये पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं।
कैलकुलेटर : 20 साल SIP
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
टेन्योर : 20 साल
अनुमानित रिटर्न : 12 फीसदी सालाना
20 साल बाद SIP की वेल्यू : 1 करोड़ रुपये
कैलकुलेटर : अगले 20 साल SWP
अलग-अलग स्कीम में निवेश : 1 करोड़
अनुमानित सालाना रिटर्न : 8.5 फीसदी
सालाना रिटर्न : 8.5 लाख रुपये
मंथली रिटर्न : 8 लाख/12= 70833 रुपये
क्या होता है सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान : सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान के जरिये निवेशक एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम से वापस पाते हैं। कितने समय में कितना पैसा निकालना है, यह विकल्प खुद निवेशक ही चुनते हैं। यह पैसा रोजाना, वीकली, मंथली, तिमाही, 6 महीन पर या सालाना आधार पर निकाला जा सकता है। वैसे मंथली ऑप्शन ज्यादा लोकप्रिय है। निवेशक चाहें तो केवल एक निश्चित रकम निकालें या फिर चाहें तो वे निवेश पर कैपिटल गेंस को निकाल सकते हैं।
SWP अधिक भरोसेमंद विकल्प : देखा गया है कि डिविडेंड के मुकाबले SWP अधिक भरोसेमंद विकल्प है। इसमें पूरा नियंत्रण निवेशक के हाथ में होता है। SWP रेगुलर निकासी है। इसके जरिये स्कीम से यूनिटों को भुनाया जाता है। वहीं अगर तय समय बाद सरप्लस पैसा होता है तो वह आपको मिल जाता है। जहां तक टैक्स की बात है, इसमें वैसे ही टैक्स लगेगा जैसा इक्विटी और डेट फंड के मामले में लगता है। जहां होल्डिंग की अवधि 12 महीने से ज्यादा नहीं है, वहां निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा। अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें एसडब्लूपी विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं।