नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा है कि अगर सरकार कोविड-19 महामारी को देखते हुए उपलब्ध सूचना के आधार पर निर्णय लेने में देरी करती तो देश को बड़े स्तर पर नुकसान होता और उसका वैश्विक प्रभाव होता। अडाणी समूह के चेयरमैन ने यह भी कहा कि यह समय भारत में निवेश के लिये उपयुक्त है क्योंकि देश स्थिर लोकतांत्रिक संचालन व्यवस्था के साथ दुनिया के शीर्ष उपभोक्ता केंद्रों, विनिर्माण और सेवा केंद्रों में से एक होगा।
अडाणी एंटरप्राइजेज की बुधवार को जारी सालाना रिपोर्ट में चेयरमैन संदेश में उन्होंने कहा, 'हमें यह एहसास होना चाहिए कि वास्तव में निरपेक्ष रूप से कोई सही या गलत विचार नहीं होता है। कोविड-19 जैसे अप्रत्याशित संकट के दौरान आखिर किस बात की जरूरत थी? सरकार निश्चित समय पर उपलब्ध बेहतर सूचना और जो भी नई जानकारी आयी, उसके आधार पर निर्णय लेती रही।' उन्होंने कहा, 'इसके लिये भारत सरकार और अधिकारी निश्चित रूप से सराहना के पात्र हैं।'
अडाणी ने कहा, 'हमसे अधिक साधन संपन्न देश आज इस संकट से पार पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। वहीं वायरस के खिलाफ हमारी मुहिम भी अभी निष्कर्ष पर पहुंचने से काफी दूर है, इसके बावजूद मुझे यह कहने में तनिक भी झिझक नहीं है कि अगर निर्णय लेने में देरी होती, हमें व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ता जिसका न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभाव होता।
उन्होने कहा कि निश्चित रूप से कारोबार काफी प्रभावित हुए, लोगों की जानें गयी और नौकरियां गंवानी पड़ी तथा प्रवासी मजदूर संकट ने पूरे देश को उदास किया लेकिन अनजाने विकल्पों का प्रभाव और भी गंभीर हो सकता था। उन्होंने कहा कि नेताओं, डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, पुलिस, सेना, खोमचे और रेहड़ी वाले और नागरिकों ने महामारी के दौरान एक-दूसरे की मदद के लिये जो अपनी-अपनी भूमिका निभायी, वह भारत के स्वभाव और उसकी मजबूती को प्रतिबिंबित करता है। अडाणी ने कहा कि सरकार जनधन, आधार और मोबाइल को जोड़कर जो एक व्यवस्था बनायी, उससे अब वह जरूरतमंदों को सीधे लाभ पहुंचाने में सक्षम है।