मुंबई। कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर ओपेक का प्रमुख उत्पादक सउदी अरब और गैर-ओपेक देश रूस के बीच करार होने की उम्मीदों से तेल के दाम में मंगलवार को फिर तेजी लौटी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में तीन फीसदी से ज्यादा का उछाल आया, जिससे भारतीय वायदा बाजार में भी तेल के वायदा सौदो में मजबूती के साथ कारोबार चल रहा था। घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर पूर्वाहन 11 बजे कच्चे तेल के अप्रैल अनुबंध में पिछले सत्र से 32 रुपये यानी 1.56 फीसदी की तेजी के साथ 2080 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 2060 रुपये पर खुला और 2089 रुपये प्रति बैरल तक उछला।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर मंगलवार बेंचमार्क कच्चा तेल को ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र से तीन फीसदी की तेजी के साथ 34.04 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 34.17 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। वहीं, न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूउ वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 3.37 फीसदी की तेजी के साथ 26.96 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 27.19 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।
एंजेल ब्रोकिंग में एनर्जी रिसर्च मामलों के जानकार और डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया जूझ रही है, जिससे तेल की खपत काफी घट गई है जबकि आपूर्ति लगातार बनी हुई है, जिससे तेल के दाम में इस साल जनवरी के बाद भारी गिरावट आई है। इसलिए अगर दुनिया के दो बड़े उत्पादक तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर राजी होते हैं, तो बाजार में संतुलन आएगा। सउदी अरब और रूस के बीच इस मसले को लेकर गुरुवार को समझौता होने की उम्मीद की जा रही है, जिससे तेल के दाम में तेजी बनी हुई है।