नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन करके भारत सरकार भले कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का काम कर रही है, लेकिन उसके अन्य साइड इफेक्ट बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वो कोई बीमारी नहीं हैं, बल्कि देशवासियों को आर्थिक रूप से कमजोर करते जा रहे हैं। लॉकडाउन की सीधा असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। जिससे बेरोजगारी दर पिछले 43 महीनों में उच्चतम स्तर 9 फीसदी पर पहुंच गई है। ये आंकड़े थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए हैं। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, बेरोजगारी दर मार्च 2016 में 8.74 फीसदी थी, जो अगस्त 2016 में सबसे ज्यादा थी। अगस्त 2016 में बेरोजगारी दर 9.59 फीसदी थी।
जबकि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 9.35 फीसदी दर्ज की गई थी और यह देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 8.45 फीसदी थी। फरवरी में यह 7.78 फीसदी दर्ज की गई थी। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 तक बेरोजगारी की दर 8 फीसदी से कम रही। केवल जुलाई और अक्टूबर में यह आंकड़ा 8 फीसदी के स्तर को पार कर गया था।