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रिजर्व बैंक की पहल से आयेगी वित्तीय स्थिरता : उद्योग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 27 2020 3:32PM | Updated Date: Mar 27 2020 3:33PM
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा किये गये नीतिगत और मौद्रिक उपायों का उद्योग जगत ने स्वागत करते हुये कहा है कि इससे वित्तीय स्थिरता आयेगी और तंत्र में अधिक तरलता की उपलब्धता वित्तीय तनाव को कम करने में मददगार होगा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की शुक्रवार को संपन्न चालू वित्त वर्ष की सातवीं द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद जारी बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सीआईआई के महानिदेशक चरणजीत वनर्जी ने कहा कि रेपो दर में 75 आधार अंकों की कमी किये जाने का निर्णय सराहनीय है। 
 
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने तरलता बढ़ाने के लिए कई और उपाय किये हैं जिससे कोेरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले वित्तीय तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। नकद आरक्षित अनुपात में की गयी एक फीसदी की कटौती से बैंकों को ब्याज दरें कम करने में मदद मिलेगी और इसका लाभ ग्राहकों को होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान लॉकडाउन से कंपनियों के नकदी प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। तीन महीने तक ऋण की किश्तों की वूसली से राहत दिये जाने से कंपनियों को राहत मिलेगी। हालांकि सीआईआई ने इस अवधि को बढ़ाये जाने की अपील भी की है।
 
उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि रिजर्व बैंक के इस पहल से वित्तीय स्थिरता आयेगी और कारोबारीधारणा मजबूत होगा। उसने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा उठाया गया कदम न: न सिर्फ सराहनीय है बल्कि स्वागतयोग्य भी है। उसने कहा कि रिजर्व बैंक ने तीन महीने तक किश्तों की वसूली से राहत देकर कंपनियों, एमएसएमई और व्यक्तिगत देनदारों को बड़ी राहत दी है। इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं के हितों का भी ख्याल रखा गया है। 
 
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