नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बढ़ती जा रही है। ओम्निक्रॉन वेरिएंट के कारण आर्थिक चुनौतियां और ज्यादा बढ़ गई हैं। इस बीच आज से RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक शुरू हुई है। यह बैठक तीन दिनों के लिए 8 दिसंबर तक चलेगी और उसी दिन गवर्नर शक्तिकांत दास मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करेंगे। आर्थिक जानकारों का कहना है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि ओम्निक्रॉन वेरिएंट के कारण अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती ज्यादा गंभीर हो गई है। ऐसे में रिजर्व बैंक अभी ऐसी पॉलिसी पर आगे बढ़ेगा जिससे ग्रोथ को मदद मिले। फिलहाल वह बढ़ती महंगाई के मुद्दे को दरकिनार करेगा। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में DBS बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष वैद्य ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ने इकोनॉमिक रिकवरी पर विराम लगा दिया है। उनकी सलाह है कि रिजर्व बैंक अभी रिवर्स रेपो रेट की दर को बढ़ा दे, क्योंकि बढ़ती महंगाई की समस्या को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है। मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर रिजर्व बैंक की यह बहुत अहम बैठक है। इस बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्राइस, अर्थव्यवस्था की हालत और मॉनिटरी कंडिशन के बारे में विचार करता है और उसी के अनुरूप किसी तरह का फैसला लिया जाता है। कोरोना के साउथ अफ्रीका वेरिएंट के कारण आर्थिक सुधार को गहरा झटका लगा है। कई देशों में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा लोकल लॉकडाउन भी लगाए गए हैं। भारत ने अभी तक किसी तरह के लोकल लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, यूरोप के कई देशों ने आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए हैं।