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Sebi का बड़ा फैसला: Joint Holders में किसी की मौत पर जीवित Holders को ट्रांसफर होंगे Shares

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 18 2021 9:37PM | Updated Date: Oct 18 2021 9:37PM
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नई दिल्‍ली। मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंटों (RTAs) से कहा है कि वे संयुक्त खाताधारकों (Joint Holders) में किसी की मृत्यु होने पर जीवित खाताधारक के पक्ष में सिक्योरिटीज को ट्रांसफर करें। सेबी ने कहा कि कुछ मामलों में यह देखा गया है कि किसी खाताधारक के मौत पर कानूनी प्रतिनिधि के दावे या विवाद के कारण आरटीए ने जीवित ज्वाइंट होल्डर को सिक्योरिटीज का ट्रांसफर नहीं किया। सेबी ने एक सर्कुलर में आरटीए को कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन करने और एक या अधिक ज्वाइंट होल्डर्स के मौत की स्थिति में जीवित ज्वाइंट होल्डर के पक्ष में सिक्टोरिटीज को ट्रांसफर करने के लिए कहा। बाजार नियामक ने साथ ही कहा कि ऐसा तभी किया जाएगा, जब कंपनी के परिचालन दिशानिर्देशो में इसके विपरीत कुछ भी न हो। नॉर्म्स के तहत, ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में ज्वाइंट होल्डर्स में से किसी एक या अधिक की मृत्यु होने पर, जीवित ज्वाइंट होल्डर मृतक का नाम फिजिकल सर्टिफिकेट से हटा सकता है और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके सिक्योरिटीज को डीमटेरियलाइज करवा सकता है।
 
इससे पहले दिसंबर 2020 में, सेबी ने री-लॉज ट्रांसफर अनुरोध के बाद निवेशकों के डीमैट खाते में फिजिकल शेयरों को क्रेडिट करने के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए थे। नियामक ने शेयर ट्रांसफर अनुरोधों को फिर से दर्ज करने के लिए 31 मार्च, 2021 की कट-ऑफ तारीख तय की थी।
 
फिजिल मोड में रखे गए सिक्योरिटीज का ट्रांसफर 1 अप्रैल, 2019 से बंद कर दिया गया था, लेकिन निवेशकों को फिजिकल रूप में शेयर रखने से रोका नहीं गया था। इससे पहले, सेबी ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट संबंधित सभी लोगों के लिए सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को जरूरी किया। पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए डिस्ट्रीब्यूटर या एंप्लॉयी के रूप में काम कर रहे लोगों के लिए कैपिटल मार्केट का सर्टिफिकेट जरूरी है। SEBI ने कहा कि पोर्टफोलियो मैनेजर्स द्वारा सात सितंबर, 2021 के बाद यदि किसी व्यक्ति को काम पर रखा गया है, तो उन्हें इस कार्य से जुड़ने की तिथि से एक साल के अंदर सर्टिफिकेशन हासिल करना होगा। हालांकि, ऐसे व्यक्ति जो पीएमएस (पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज) के वितरक हैं और उनके पास ARN या NISM का सर्टिफिकेशन है, उन्हें इस तरह का सर्टिफिकेशन हासिल करने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले मार्च में सेबी ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स की योग्यता से संबंधित नए नियमन जारी किए थे।

 

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